Art Therapy relief stress says expert at Rainbow Hospital Agra
आगरालीक्स …आगरा में डॉक्टरों ने बताया कि ब्लैक एंड व्हाइट जिंदगी में क्रिएटिविटी से किस तरह स्ट्रेस को दूर किया जा सकता है। रेनबो हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने बताया कि जब आप कुछ अलग करते हैं तो यह क्रिएटिव काम आपके ब्रेन को स्टयूमलेट करता है, इससे खुशी मिलती है। आर्ट थैरेपी में आप के दिलो दिमाग में विचार आते हैं, कुछ देर के लिए बैठकर तनावयुक्त जिंदगी में खुशी के रंग भरते हैं। इससे आप खुद को तरोताजा महसूस करते हैं। यही आर्ट थैरेपी है और तमाम रिसर्च से स्पष्ट हो चुका है कि स्ट्रेस रिलीफ में आर्ट थैरेपी कारगर है।
रविवार से रेनबो हॉस्पिटल में शुरू हुई दो दिवसीय आर्ट थैरेपी से स्ट्रेस रिलीफ कार्यशाला में पहले दिन क्रिएटिव आर्ट पर चर्चा की गई। पूर्वा खंडेलवाल, कन्टेम्परी आर्टिस्ट, पुणे ने बताया कि व्यस्त जिंदगी में लोग अपने लिए समय नहीं निकाल पाते हैं, यह उनकी जिंदगी को तनावयुक्त कर रहा है। ऐसे में आर्ट थैरेपी के रिजल्ट बहुत अच्छे हैं, स्टडी में यह देखने को मिला है कि जब आप आर्ट बनाते हैं तो कुछ देर के लिए आपका ब्रेन स्टयूमलेट होता है, अच्छे विचार और कल्पनाएं आती हैं। डॉ मल्लिका बत्रा, मनोवैज्ञानिक ने बताया कि आर्ट थैरेपी के दौरान ब्रेन के दोनों हेमिस्पेयर एक्टिव हो जाते हैं, इससे डोपामिन न्यूरोस्ट्रांसमिटर रिलीज होता है और आपको खुशी मिलती है। डॉक्टर से लेकर कामकाजी महिलाएं और ग्रहणी आर्ट थैरेपी अपने घर पर कर सकती हैं। आपको किसी पार्टी में जाना है तो आप पॉटरी मिटटी का बर्तन लीजिए, उसे रंग से सजाएं, इसे तैयार करने के बाद जब आप उपहार में किसी को देते हैं तो उसके साथ आपको भी खुशी मिलेगी। रेनबो हॉस्पिटल के निदेशक डॉ नरेंद्र मल्होत्रा व डॉ जयदीप मल्होत्रा ने बताया कि हमने खुद पॉटरी को पेंट किया, इसमें व्हाइट बेस पर ब्लैक कलर से पेटिंग की तो अलग ही तरह की खुशी की अनुभूति हुई है। डॉ निहारिका मल्होत्रा, निदेशक अरोमा वेलनेस ने बताया कि आर्ट थैरेपी से हमारी जिंदगी के प्रति सोच ही बदल जाती है, तनाव मुक्त जिंदगी के साथ ही काम करने का तरीका बदल जाता है। सोमवार को स्ट्रेस रिलीफ के अन्य तरीकों पर चर्चा की जाएगी।