आगरालीक्स…. आगरा में 30 साल की युवती का वजन 110 किलोग्राम था, रेनबो हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने बेरिएट्रिक सर्जरी कर पेट का आकार कम किया, अब युवती का वजन कम हो जाएगा। इसे आगरा की पहली सफल बैरिएट्रिक सर्जरी का दावा किया जा रहा है। शनिवार को रेनबो हॉस्पीटल में गेस्ट्रो सर्जन डॉ. हिमांशु यादव व डॉ.अभिनव मित्तल ने बताया कि युवती का बीएमआई 40 और वजन लगभग 110 किलो तक पहुंच गया था, जिसकी वजह से सोते समय उसकी सांस रुक जाती थी। 17 मई को हुए आगरा शहर के पहले बैरियाट्रिक ऑपरेशन के बाद अब मरीज का वजन 10 दिन में 7 किलो तक कम हो चुका है। यानि अब फैटी आगरावासियों को फिट रहने के लिए दिल्ली जैसे शहरों की ओर नहीं भागना होगा।
उन्होंने बताया सर्जरी से पहले मरीज को 5-6 महीने तक वेट लॉस प्रोग्राम पर रखकर वजन कम करने का प्रयास किया जाता है। यह एक टीम वर्क है, जो डायटीशियन, एक्सरसाइज ट्रेनर की निगरानी में किया जाता है। रेनबो हॉस्पीटल के एमडी डॉ. नरेन्द्र मल्होत्रा ने बताया कि बैरियाट्रिक सर्जरी के लिए मरीज के अधिक मोटा होने की वजह से स्पेशल ऑपरेशन टेबिल व औजार की जरूरत होती है। यूपी में अभी तक मात्र 2-3 ही बैरियाट्रिक सर्जरी हुई हैं। दूरबीन विधी से किए गए ऑपरेशन के दो दिन बाद ही मरीज को छुट्टी मिल जाती है, एक हफ्ते बाद वह काम कर सकता है। कई मामलों में डायबिटीज का कारण मोटापा (मोटापे के कारण इंसुलिन एक्ट नहीं कर पाता) होता है। डॉ. निहारिका ने बताया कि बांझपन का एक मुख्य कारण मोटापा भी है। डॉ. निशा यादव ने बताया कि बैरियाट्रिक सर्जरी में एनेस्थीसिया देने की प्रक्रिया भी अन्य मरीजों से अलग होती है। डायटिशियन रेनुका डंग ने मोटापा कंट्रोल में रखने व ऑपरेशन के बाद की डाइट के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर डॉ. राजीव लोचन शर्मा व राकेश आहूजा भी मौजूद थे।
क्या है बैरियाट्रिक सर्जरी
डॉ. हिमांशु ने बताया कि मोटापा कम करने के लिए बेरियाट्रिक सर्जरी में अमाशय की क्षमता को एक लीटर से घटाकर 100 से 200 एमएल कर दिया जाता है। जिससे कम खाना खाया जाए। वहीं, कुछ मरीजों में छोटी आंत को बाईपास कर दिया जाता है, इससे अमाशय से सीधा खाना बडी आंत में पहुंचता है और यह शरीर में अवशोषित नहीं होता है। अमाशय की क्षमता कम होने पर कम भोजना खाया जाता है, इसके चलते बेरियाट्रिक सर्जरी कराने के बाद डेढ से दो किलो हर सप्ताह वजन कम होता है, इस तरह एक महीने में छह से आठ किलो वजन कम हो जाता है। ऑपरेशन के बाद एक महीने में एक तिहाई और एक साल में दो तिहाई तक कम हो जाता है वजन।
किन्हें करानी चाहिए बैरियाट्रिक सर्जरी
जिन लोगों का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 35 से अधिक है, साथ में मधुमेह और हृदय रोग है तो बेरियाट्रिक सर्जरी करानी चाहिए। वहीं, जिन लोगों की बीएमआई 40 से अधिक है उनके लिए यह सर्जरी जरूरी है। बेरियाट्रिक सर्जरी के बाद 85 फीसद तक मधुमेह और हृदय रोग की दवाएं कम हो सकती हैं। बेरियाट्रिक सर्जरी ग्रोइंग एज (18 साल की उम्र से पहले) और 65 साल की उम्र के बाद नहीं करानी चाहिए।
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