Agra News: Instructions given to increase sales and popularize ‘Braj
BSP’s campaign to create Muslim-Dalit equation in civic elections, focus on cities after villages
आगरालीक्स… बहुजन समाज पार्टी नगरीय निकाय चुनाव में दलित-मुस्लिम समीकरण बनाने की कोशिश में है। गांवों के बाद अब शहरों पर ज्यादा रहेगा फोकस।
गांव चलो अभियान से की थी शुरुआत
बसपा ने निकाय चुनावों को एक चुनौती के रूप में लेने की रणनीति तैयार की है। रणनीति के तहत पहले चरण में गांव चलो अभियान में बसपा ने दलित-मुस्लिम समीकरण पर मुख्य फोकस किया था।
संगठन से जोड़ा गया लोगों को
इस अभियान में गांवों में बसपा ने अपना आधार मजबूत करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी और इसमें कुछ लोगों को जोड़ा भी गया लेकिन अपेक्षित परिणाम चिंता में डाल रहे हैं।
जीत के समीकरण पर पूरी ताकत लगाएं
बसपा सूत्रों के मुताबिक ऐसे में सभी कोऑर्डिनेटरों से कहा गया है कि जिन सीटों पर दलित और मुस्लिम मिलकर जीत हासिल कर सकते हों, वहां दोनों को ही बसपा से जोड़ने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया जाए।
विधानसभा चुनाव में मिले झटके से उबरने की कोशिश
दलित-मुस्लिम समीकरण के साधने वाले उम्मीदवार चुने जाएं, दरअसल बसपा के लिए विधानसभा चुनाव 2022 बेहद खराब रहा। इस चुनाव में बसपा से मुस्लिम वोटर तो कटे ही, दलित भी छिटके। यह स्थिति तब थी जब इस चुनाव में बसपा ने 60 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनावी रण में उतारा था। इनमें से एक भी उम्मीदवार नहीं जीत पाया।
सपा में खिसके मुस्लिम वोट बैंक को वापस लाने की कोशिश
इसका मुख्य कारण मुस्लिम वोट बैंक का बड़ा हिस्सा सपा की ओर जाना माना गया। पूरे प्रदेश में ही बसपा को एकमात्र सीट मिली। अब भी मुसलमानों का झुकाव समाजवादी पार्टी की तरफ नजर आ रहा है, जिसे तोड़ने के लिए अब निकाय चुनाव में बसपा खास तैयारी कर रही है।