दो साल पूर्व कुछ चुनींदा काटूनिस्टों के साथ वह राष्ट्रपति भवन गये थे जहां उन्होंने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी पर काटूर्न बनाया, यह काटूर्न राष्ट्रपति को बहुत ही पसंद आया था और काफी लोकप्रिय हुआ।चन्दर को रोमानियां सरकार के द्वारा कलाकारके रूप में आमंत्रित किया गया था।
श्री चन्दर आगरा भले ही जबतब आते रहे हो किन्तु आगरा में पहली कार्टून कार्यशाला और प्रदर्शनी आयोजित करने में उनका काफी योगदान था। उन्होंने नवभारत टाइम्स, जनसत्ता , टाइम्स आफ इडिया सहित एक दर्जन से अधिक पत्र-पत्रिकाओं में अपनी सेवायें दीं।हैदराबाद से प्रकाशित मिलाप संदेश एवं एक बहुभाषी समाचार सेवा में भी काटूनिस्ट एवं ले आऊट आर्टिस्ट के रूप में अपना योगदान दिया। वे प्रख्यात कार्टूनिस्ट कुट्टी को अपना आदर्श मानते थे और जबकि शंकर के तौर तरीकों को पसंद करते थे
वरिष्ठ पत्रकार बृज खंडेलवाल, डा हर्षदेव ,अनिल शुक्ला,योगेन्द्र उपाध्याय,उ प्र पत्रकार परिषद के प्रदेश अध्यक्ष विजय अग्रवाल, अनूप जिदल, के पी सिह आदि ने श्री चन्द्रर के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
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