सीबीआई की 20 सदस्यीय टीम शुक्रवार दोपहर को आगरा कैंट स्टेशन पर पहुंची। सीबीआई टीम के मुताबिक, ठेकेदार ब्रजेश यादव ट्रोला पर लदे मुंबई की हाईड्रो एक्सेल कंपनी के पांच ट्रांसफार्मर जयपुर की ओर ले जा रहे थे। ट्रोला को पथौली रेलवे फाटक से गुजरना था। नियमानुसार रेल फाटक से बड़ा ट्रोला ले जाने की अनुमति न होने से वह तीन दिन से वहीं सड़क किनारे खड़ा है। इसी अनुमति के लिए ब्रजेश ओवरहेड इलेक्ट्रिकल विभाग के सीनियर सेक्शन इंजीनियर (एसएसई) एसडी शर्मा से मिले तो उन्होंने तीन लाख रुपये की रिश्वत मांगी। किसी तरह सौदा 70 हजार रुपये में तय हुआ। इसमें से 35 हजार रुपये देने के बाद ठेकेदार ने सीबीआई की एंटी करप्शन विंग से शिकायत की। तय योजना के मुताबिक शुक्रवार शाम करीब पांच बजे इंस्पेक्टर अजय गहलौत 10 सदस्यीय टीम के साथ आगरा कैंट स्थित एसएसई कार्यालय पहुंच गए। ब्रजेश ने रिश्वत के शेष 35 हजार रुपये एसडी शर्मा को दिए तभी वह गिरफ्तार कर लिए गए। टीम ने उनसे करीब दो घंटे पूछताछ की।
इसी बीच सीबीआई की दूसरी टीम ने इसी तरह आगरा फोर्ट स्टेशन पर चीफ पार्सल सुपरवाइजर रजनीश चाहर को भी छह हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा। उनके खिलाफ शिकायत पार्सल ठेकेदार असलम कुरैशी ने की थी कि वह पार्सल लादने के लिए रिश्वत की मांग करते हैं।
घंटों पूछताछ, रंग गए हाथ
टीम ने सीनियर सेक्शन इंजीनियर एसडी शर्मा और चीफ पार्सर सुपरवाइजर आर चाहर से घंटों पूछताछ की। रिश्वत के रुपये लेने से उनके हाथ रंग गए।
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