New toll rates released for Agra-Lucknow, Purvanchal and Bundelkhand Expressway,
CDPO arrested taking bribe from Aaganbadi in Mathura
आगरालीक्स… एक अधिकारी को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकडा गया है। सीडीपीओ ने आगनवाडी कार्यकत्री से 10 हजार रुपये रिश्वत मांगी थी, विजिलेंस की टीम ने उसे रंगे हाथ दबोच लिया।
मथुरा के नौझील के सीडीपीओ नीरज कुमार सिंह को सोमवार को विजिलेंस की टीम ने आगनवाडी कार्यकत्री से 10 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड लिया, इस दौरान कापफी संख्या में आगनवाडी कार्यकत्री भी एकत्रित हो गईं।
आगरा में दो मार्च को पकडा वित्त अधिकारी
आगारा के बीएसए कार्यालय के युवा वित्त एवं लेखा अधिकारी को विजिलेंस की टीम ने 50 हजार रुपये लेते रंगे हाथ पकड लिया, यह उसकी पहली तैनाती थी। विजिलेंस टीम द्वारा पकडे गए वित्त एवं लेखा अधिकारी कन्हैया लाल सारस्वत, मीतीई, हाथरस का रहने वाला है। उनकी पत्नी इंटर कॉलेज में हैं। बुधवार को एंटी करप्शन की मेरठ स्थित कोर्ट में पेश किया जाएगा।
शिक्षक दिनेश चाहर ने लखनऊ विजिलेंस टीम को शिकायत की थी कि आगरा के बीएसए कार्यालय के वित्त एवं लेखा अधिकारी कन्हैया लाल सारस्वत हर काम की रिश्वत लेते हैं। उनका कार्यालय दुकान की तरह है और पैसे के बिना शिक्षकों का एरियर, फंड सहित अन्य वित्तीय कार्य नहीं होते हैं। अधिकारी के साथ ही बाबू भी बेखौफ होकर रिश्वत ले रहे हैं। विजिलेंस टीम की जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद वित्त अधिकारी को पकडने के लिए जाल विछाया गया।
सोमवार को आ गर्इ् थी टीम, रिश्वत लेते ही दबोचा
लखनऊ विजिलेंस टीम के अधिकारियों ने सोमवार रात को सर्किट हाउस में डेरा डाल दिया था। उन्होंने मंगलवार सुबह पीड़ित को सर्किट हाउस बुलाने के बाद अधिकारियों ने उसे अपने साथ रखा। किसी से फोन पर बात नहीं करने दी। आ
विजिलेंस अधिकारियों ने सुबह दस बजे से ही बीएसए कार्यालय के आसपास डेरा डाल दिया था। उन्होंने शिक्षक दिनेश चाहर को 50 हजार रुपये लेकर भेजा, जैसे ही वित्त एवं लेखा अधिकारी कन्हैया लाल सारस्वत ने 50 हजार रुपये लिए, विजिलेंस टीम ने उसे दबोच लिया।
यह है मामला
शिक्षक दिनेश चाहर ने बताया कि उसका निलंबन अवधि के जीवन निर्वहन भत्ता का 1.5 लाख रुपया रुका हुआ था। इसका बिल पास करने के बदले कन्हैया ने उससे रिश्वत में पहले 60 हजार मांगे। इसके बाद 50 हजार पर आ गया। उसने 25 अप्रैल को डीजी विजिलेंस से की थी। उसे विद्यालय से गैर हाजिर रहने पर दो सितंबर 2016 को निलंबित किया गया था। निलंबन अवधि में मिलने वाला भत्ता अभी तक उसे नहीं मिला था।
20 फरवरी को पकडी गई थी एबीएसए
आगरा में एबीएसए पूनम चौधरी को रिश्वते लेते रंगे हाथ पकडे जाने के बाद शिक्षक उनके समर्थन में आ गए हैं, एबीएसए को निर्दोष बताते हुए विजिलेंस टीम की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं। सोमवार को पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के बैनर तले शिक्षक कलेक्ट्रेट पहुंचे, उन्होंने प्रदर्शन किया और मामले की जांच कराने की मांग की। शिक्षकों का आरोप है कि साजिश के तहत एबीएसए पूनम चौधरी को फंसाया गया है। उन्होंने जिला प्रशासन को ज्ञापन देते हुए तीन दिन में मांग प्रकरण की जांच कराने के लिए कहा है, इसके बाद आंदोलन की चेतावनी दी है।
आगरा में शिक्षा विभाग में सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी पूनम चौधरी की विकास खंड शमसाबाद में सहायक खंड शिक्षा अधिकारी (एबीईओ) में कार्यरत हैं। इसी ब्लॉक में ब्लॉक रिसोर्स सेन्टर (एबीआरसी) के पद पर रानी परिहार कार्यरत हैं। उन्होंने चाइल्ड केयर लीव के लिए आवेदन किया था। आरोप है कि रानी परिहार को चाइल्ड केयर लीव देने के लिए एबीएसए पूनम चौधरी ने 50 हजार रुपये रिश्वत मांगी थी, रिश्वत न देने पर छुट्टी स्वीकृत नहीं कर रही थीं।
15 फरवरी को 50 हजार रुपये लेते ही दबोचा
इस मामले की शिकायत एबीईओ रानी परिहार ने विजिलेंस टीम से की, पूरी प्लानिंग के साथ बुधवार को सादा ड्रेस में विजिलेंस की टीम के साथ एबीईओ रानी परिहार शमसाबाद पहुंची। यहां रानी परिहार ने जैसे ही एबीएसए के पूनम चौधरी को रिश्वत के 50 हजार रुपये दिए, विजिलेंस टीम ने रुपयों के साथ उन्हें पकड लिया। विजिलेंस टीम दोनों को थाने ले गई। पूनम चौधरी को मेरठ कोर्ट में पेश किया जाएगा। एबीएसए पूनम चौधरी ने आरोप लगाए हैं कि उन्हें फंसाया गया है।
डेढ महीने पहले ही लिया था चार्ज
कुछ साल पहले शमसाबाद ब्लॉक में हुए किताब घोटाले के आरोपों में पूनम चौधरी फंस गई थी, इस मामले में उन्हें न्यायालय से राहत मिली। उन्होंने अभी हाल ही में शमसाबाद ब्लॉक में ड्यूटी जॉइन की थी।