आगरालीक्स…भाजपा-रालोद के बीच लोकसभा चुनावों को लेकर सहमति के आसार और बढ़े। पहले भी हिट रहा है भाजपा और रालोद का गठबंधन।
इंडिया गठबंधन को लग सकता है एक और झटका
लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और रालोद के बीच गठबंधन की बातचीत के चलते इंडिया गठबंधन में खेमे में खलबली मची हुई है। दोनों के बीच काफी हद तक सहमति बनती दिख रही है।
वर्ष 2009 में रालोद में को मिली थीं सात सीटें
पश्चिमी यूपी में भाजपा और रालोद की दोस्ती पहले भी हिट रही है। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने रालोद से गठबंधन किया था। इसमें रालोद को लोकसभा चुनाव में सात सीटें मुजफ्फरनगर, बागपत, हाथरस, मथुरा, अमरोहा, बिजनौर, नगीना दी गई थी।
पांच सीटों पर जीतकर फायदे में रही थी रालोद
इसमें सात में से पांच लोकसभा सीटों पर रालोद जीतने में कामयाब रही थी। भाजपा रालोद के गठबंधन की अटकलों को लेकर छायी सियासी समीकरण बैठाए जा रहे हो लेकिन लेकिन पश्चिमी यूपी की राजनीति के इतिहास को देखा जाए तो रालोद के लिए भाजपा से सियासी दोस्ती फायदेमंद रही है।
आगरा मंडल की सीटों पर भी पड़ेगा असर
इसलिए आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा और रालोद की दोस्ती फिर से परवान चढ़ती है तो इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सियासी तस्वीर और समीकरण दोनों ही बदल जाएंगे। आगरा मंडल की सीटों पर भी खासा असर पड़ेगा।