Did not come to RLD to contest elections#agranews
आगरालीक्स(03rd August 2021 Agra News)… न चुनाव लड़ने की इच्छा है और न कोई पद पाने की। रालोद में शामिल होने के बाद सोशल मीडिया पर चुनाव लड़ने की अटकलों के बीच पवन आगरीे बोले…।
चुनाव लड़ने के लिए नहीं आया रालोद में
ख्याति प्राप्त कवि पवन आगरी ने अभी हाल ही में रालोद का दामन थामा है। जैसे ही रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के साथ उनका फोटो सोशल मीडिया पर आया तो आगरा के ही लोग उनके चुनाव लड़ने की अटकलें लगाने लगे। हालांकि पवन आगरी ने इन सबको खारिज किया है। उनका कहना है कि अक्सर देखा गया है कि चुनाव आने से पहले ही लोग कोई भी पार्टी ज्वॉइन करते हैं। उसी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ते हैं। अगर जीत गए तो ठीक, नहीं तो पार्टी में निष्क्रिय हो जाते हैं। लेकिन उनका ऐसा कोई इरादा नहीं है। वह देश सेवा करना चाहते हैं।
किसान परिवार से हैं
आगरालीक्स से बातचीत में पवन आगरी ने बताया कि वह किसान परिवार से आते हैं। चाहरवाटी में गहर्राकलां में वह रहते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी चुनाव लड़ने की कोई इच्छा नहीं है। जो लोग सोशल मीडिया पर कयास लगा रहे हैं, वह गलत है। उनकी तो बस एक ही आकंक्षा है कि वह जयंत चौधरी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष करें। जयंत चौधरी का उनको सानिध्य मिले ताकि वह किसानों की लड़ाई मजबूती से लड़ सकें।
सिर्फ रालोद ही क्यों
रालोद में शामिल होने के बाद पवन आगरी ने बताया कि जयंत चौधरी युवा नेता हैं। रालोद में ही उन्हें मान—सम्मान मिल सकता है। वह सीधे अपने मन की बात रालोद मुखिया को बता सकते हैं। वह वैश्य समाज से आते हैं। लेकिन सबसे बड़ी बात वह किसान परिवार से हैं और किसानों का दर्द सिर्फ रालोद ही समझती है। शायद यही कारण है कि पूरे देश के किसान एकजुट हुए और इसका असर दिल्ली से पश्चिम बंगाल तक देखा गया।
इसीलिए और बढ़ी सहानुभूति
पवन आगरी ने बताया कि वह शुरू से ही किसानों के साथ हैं। किसानों के लिए संघर्ष के दौरान पिछले दिनों जब किसान नेता राकेश टिकैत बार्डर पर रोए थे, तब केवल जयंत चौधरी ने ही उनका साथ दिया था। किसानों के हितों की लड़ाई में रालोद चौधरी चरण सिंह के समय से ही साथ है। अब जयंत चौधरी भी अपने पितामह की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
सरकार की नीयत साफ नहीं
उन्होंने बताया कि हमारे देश के किसान कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। अब तक 500 किसान शहादत दे चुके हैं। इसके बाद भी केंद्र सरकार नहीं जाग रही है। दरअसल सरकार की नीयत ही साफ नहीं है।
जल्द ही मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
पवन आगरी ने बताया कि रालोद मुखिया जयंत चौधरी उन्हें जल्द ही बड़ी जिम्मेदारी दे सकते हैं। पार्टी की सदस्यता लेने के दौरान उन्होंने यह बात कही थी। हालांकि पवन आगरी ने उनसे इतना ही कहा कि वह सिर्फ उनके साथ ही रहकर किसानों और पार्टी की सेवा करना चाहते हैं।
वैश्य समाज से आते हैं आगरी
पवन आगरी वैश्य समाज से आते हैं। ऐसे में सवाल है कि क्या पवन आगरी अगले विधानसभा चुनाव में वैश्य समाज का वोट रालोद की ओर मोड़ पाएंगे। आगरा का फतेहपुर सीकरी जाट और किसानों का गढ़ है। इसे मिनी छपरौली भी कहा जाता है। ऐसे में 2022 के चुनाव में आगरी रालोद को कितना फायदा पहुंचा पाएंगे, ये अभी आने वाले समय में ही पता लगेगा।