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Diwali 2024: Goddess Kali will be worshiped tomorrow during Deepotsav…#agranews

आगरालीक्स…दीपोत्सव में कल होगी मां काली की पूजा. जानिए क्यों होती है काली पूजा और क्या है काली चौदस का महत्व

इस बार 30अक्टूबर बुधवार की दोपहर 01:15 से चतुर्दशी तिथि लग जाएगी जिसे छोटी दीपावली कहते हैं जो 31 अक्टूबर दिन गुरुवार की दोपहर 03:52 तक रहेगी इस बीच पूजा पाठ करने का उत्तम लाभ पूजा करने वाले लोगों को प्राप्त होगा क्योंकि छोटी दीपावली इस समय के बीच रहेगी दीपावली के 5 दिनी उत्सव में माता कालिका की पूजा दो बार होती है। एक नरक चतुर्दशी पर जिसे काली चौदस कहते हैं और दूसरी दिवाली की रात को। काली पूजा खास उद्देश्य से की जाती है।

नरक चतुर्दशी : इस दिन को काली चौदस भी कहते हैं। काली चौदस की रात माता काली की पूजा होती है। दरअसल पूरे भारतवर्ष में रूप चतुर्दशी का पर्व यमराज के प्रति दीप प्रज्जवलित कर, यम के प्रति आस्था प्रकट करने के लिए मनाया जाता है, लेकिन बंगाल में मां काली के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है, जिसके कारण इस दिन को काली चौदस कहा जाता है। इस दिन मां काली की आराधना का विशेष महत्व होता है। काली मां के आशीर्वाद से शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में सफलता मिलती है।

दीपावली : भारत के अधिकतर राज्यों में दीपावली की अमावस्या पर देवी लक्ष्‍मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं लेकिन पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और असम में इस अवसर पर मां काली की पूजा होती है। यह पूजा अर्धरात्रि में की जाती है। पश्चिम बंगाल में लक्ष्मी पूजा दशहरे के 6 दिन बाद की जाती है जबकि दिवाली के दिन काली पूजा की जाती है

क्यों करते हैं काली पूजा?
राक्षसों का वध करने के बाद भी जब महाकाली का क्रोध कम नहीं हुआ तब भगवान शिव स्वयं उनके चरणों में लेट गए। भगवान शिव के शरीर स्पर्श मात्र से ही देवी महाकाली का क्रोध समाप्त हो गया। इसी की याद में उनके शांत रूप लक्ष्मी की पूजा की शुरुआत हुई जबकि इसी रात इनके रौद्ररूप काली की पूजा का विधान भी कुछ राज्यों में है। काली पूजा करने से संकटों का तुरंत ही समाधान हो जाता है

काली पूजा का महत्व क्या है
दुष्टों और पापियों का संहार करने के लिए माता दुर्गा ने ही मां काली के रूप में अवतार लिया था। माना जाता है कि श्रद्धापूर्वक मां काली के पूजन से जीवन के सभी दुखों का चमत्कारिक रूप से अंत हो जाता है। शत्रुओं का नाश हो जाता है। कहा जाता है कि मां काली का पूजन करने से जन्‍मकुंडली में बैठे राहू और केतु भी शांत हो जाते हैं। माता काली की पूजा या भक्ति करने वालों को माता सभी तरह से निर्भीक और सुखी बना देती हैं। वे अपने भक्तों को सभी तरह की परेशानियों से बचाती हैं

सामान्य पूजा : दो तरीके से मां काली की पूजा की जाती है, एक सामान्य और दूसरी तंत्र पूजा। सामान्य पूजा कोई भी कर सकता है। माता काली की सामान्य पूजा में विशेष रूप से 108 गुड़हल के फूल, 108 बेलपत्र एवं माला, 108 मिट्टी के दीपक और 108 दूर्वा चढ़ाने की परंपरा है। साथ ही मौसमी फल, मिठाई, खिचड़ी, खीर, तली हुई सब्जी तथा अन्य व्यंजनों का भी भोग माता को चढ़ाया जाता है। पूजा की इस विधि में सुबह से उपवास रखकर रात्रि में भोग, होम-हवन व पुष्पांजलि आदि का समावेश होता है

तंत्र पूजा : अधिकतर जगह पर तंत्र साधना के लिए मां काली की उपासना की जाती है
मंत्र
ॐ नमो काली कंकाली महाकाली मुख सुन्दर जिह्वा वाली
चार वीर भैरों चौरासी, चार बत्ती पूजूं पान ए मिठाई,अब बोलो काली की दुहाई

इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करने से आर्थिक लाभ मिलता है। इससे धन संबंधित परेशानी दूर हो जाती है। माता काली की कृपा से सब काम संभव हो जाते हैं। 15 दिन में एक बार किसी भी मंगलवार या शुक्रवार के दिन काली माता को मीठा पान व मिठाई का भोग लगाते रहें

देवी के समक्ष धूप : मुकदमे या कर्जे की समस्या हो तो नौ दिन देवी के समक्ष गुग्गुल की सुगंध की धूप जलाएं। सामान्य रूप से गुप्त नवरात्रि में देवी की कृपा के लिए नौ दिन देवी के सामने अखंड दीपक जलाएं व दुर्गा सप्तशती या देवी के मन्त्रों का जाप करें

लक्ष्मी बंधन : यदि ऐसा लगता है कि किसी ने लक्ष्मी बांध रखी है तो माता कालीका को प्रतिदिन दो लकड़ी वाली (बांस वाली नहीं) अगरबत्ती लगाएं या एक धूपबत्ती लगाएं। प्रत्येक शुक्रवार को काली के मंदिर में जाकर पूजा करें और माता से प्रार्थना करें हर तरह के बंधन को काटने की
शनिदोष से मुक्ति हेतु : शनिवार के सरसों के तेल, काले तिल, काली उड़द आदि लेकर माता कालीका का विधि विधान से पूजन करेंगे तो शनिदोष दूर होगा

shrigurujyotishshodhsanst: इस बार दीपावली के अवसर पर कुछ छोटे छोटे(उपाय) करिये और इनका आश्चर्य जनक परिणाम स्वयं देखिये

दीपावली के पांच पर्व होते हैं (धनतेरस, चर्तुदशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा, यम द्वितीया)। पांचों दिन दीपक (चार छोटे एक बड़ा) जरुर जलाएं। दीपक रखने से पहले आसन बिछाएं फिर खील, चावल रखें तथा उस पर दीपक रखें। धन की वृद्वि सदा बनी रहेगी
यदि कमाई का कोई जरिया न हो, तो एक गिलास कच्चे दूध में, चीनी डाल कर जामुन वृक्ष की जड़ में चढ़ाएं। यह क्रिया धनतेरस से शुरू करें और चालीस दिन लगातार करें। कभी-कभी सफाई कर्मचारी को चाय की 250 ग्राम पत्ती या सिगरेट दान करें
आपका व्यवसाय यदि कम हो गया हो या किसी ने उसे बाँध दिया हो, तो दीपावली से पूर्व धनतेरस के दिन पूजा स्थल पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर ‘धनदा यन्त्र’ को स्थापित करें और धूप, दीप दिखाएं, नैवेघ अर्पित करें, यह क्रिया करते समय मन ही मन श्रीं श्रीं मंत्र का जप करते रहें. प्रतिदिन नहा धोकर यन्त्र का निष्ठापूर्वक दर्शन करें
दीपावली के दिन सुबह तुलसी की माला बना कर मां लक्ष्‍मी के चरणों में चढ़ा दें, इससे आपको धन की बरकत होगी
दीपावली की रात लक्ष्मी पूजन के साथ एकाक्षी नारियल की स्थापना कर उसकी पूजन-उपासना करें।भाई दूज के दिन लाल कपडे में लपेट कर साल भर तिजोरी में रखे इससे धन लाभ होता है साथ ही परिवार में सुख-शांति बनी रहती है
दूध से बने नैवेद्य मां लक्ष्मी को अति प्रिय हैं। इसलिए उन्हें दूध से निर्मित मिष्ठान जैसे- खीर, रबड़ी आदि का भोग लगाएं। इससे मां लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती हैं
दीपावली की रात लक्ष्मी पूजन के साथ-साथ काली हल्दी का भी पूजन करें और यह काली हल्दी अपने धन स्थान(लॉकर, तिजोरी) आदि में रखें। इससे धन लाभ होगा
धन-समृद्धि के लिए दीपावली की रात में केसर से रंगी नौ कौडिय़ों की भी पूजा करें। पूजन के पश्चात इन कौडिय़ों को पीले कपड़े में बांधकर पूजास्थल पर रखें। ये कौडिय़ां अपने व्यापार स्थल पर रखने से व्यापार में वृद्धि होती है
दीपावली के दिन मां लक्ष्‍मी को पूए का भोग लगा कर उसे गरीबों में बांटने से चढ़ा हुआ कर्ज उतर जाता है
दीपावली के दिन से कमलगट्टे की माला से निम्न महालक्ष्मी मंत्र का जप शुरू करे और प्रतिदिन करे इससे कभी भीआर्थिक समस्या नहीं होगी
मन्त्र-‘ॐ श्रीं ह्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नम:’
कोर्ट कचहरी में मुकदमा चल रहा हो तो पांच गोमती चक्रों को दीपावली के दिन पूजन पर रखें. जब तारीख पर कोर्ट जाना हो तो उन्हें जेब में रख कर जाएं, जाते समय मन ही मन इश्वर से विजय की प्रार्थना करते रहें, सफलता प्राप्त होगी
यदि आपका उधार लिया हुआ पैसा कोई लम्बे अरसे से नहीं लौटा रहा हो तो, दीपावली के दिन उस व्यक्ति का नाम लेकर ग्यारह गोमती चक्र पर तिलक लगा कर, इष्ट देव का स्मरण कर, उससे निवेदन करें, कि मेरा पैसा जल्द से जल्द लौटा दो. इसके बाद पूजित गोमती चक्रों को पीपल के वृक्ष के पास जमीन में दबा दें
यदिआप बेरोजगार है नौकरी के तलाश में लगे है तो दीपावली के दिन पूजा करते समय पांच कोडियों पर हल्दी का तिलक लगाकर उसकी भी पूजा करे और अगले दिन अपने ऊपर से आठ बार उसारकर किसी भिखारी को कुछ पैसो के साथ दान कर दे।इससे आपको नौकरी मिलने की संभावना बढ़ जाएगा
दुर्भाग्य के नाश के लिए दीपावली की रात में एक नींबू लेकर मध्यरात्रि के समय किसी चौराहे पर जाएं वहां उस नींबू को चार भाग में काटकर चारों रास्तों पर फेंक दें
क्यों दीपावली के दिन तंत्र मंत्र सिद्ध करने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त होते है

केवल होली और दीपावली ही ऐसे दो त्यौहार है जिसमे टोने टोटके और विभिन्न तांत्रिक क्रियाएँ संपन्न होती है।जानते है क्यों चलिए हम बताते है क्योकि दीपावली अमावस्या के दिन और होली पूर्णिमा के दिन होता है।ये दोनों तिथियों पर ही ये सब क्रियाएँ सम्पन्न होती है

प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,7500048250

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