आगरालीक्स…(14 December 2021 Agra News) गर्भावस्था को बेहतर बनाने के लिए दवाओं के उपयोग पर डॉक्टरों ने किया चिंतन. इस दवा को बताया बेहतर
सीएमई में डॉक्टरों ने दी जानकारी
उजाला सिग्नस रेनबो हाॅस्पिटल और रेनबो आईवीएफ के संयुक्त तत्वावधान में एक सीएमई सोमवार को अस्पताल के स्व प्रभा मल्होत्रा सभागार में आयोजित हुई। इसमें विशेषज्ञों ने प्रोजेस्ट्रोन, डाइड्रोस्टेरोन और प्राकृतिक रूप से खुद को स्वस्थ बनाए रखने पर जानकारी दी। यूएसए से आईं इंटीग्रेडिटिड हाॅलिस्टिक मेडिसिन एक्सपर्ट जया पंचोली ने बताया कि वैलनेस का क्या मतलब है और एरोमा थैरेपी कैसे काम करती है। कहा कि विज्ञान बहुत आगे बढ़ चुका है और अब विज्ञान भी मानता है कि रोगों का उपचार कई तरह की पद्धितियों के मिश्रण और मनोरूप से किया जाना आवश्यक है। खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए मनोस्थिति को बेहतर बनाए रखना आने वाली संतान के भविष्य को सुनहरा बना सकता है।

गर्भावस्था में सतर्कता रहती है जरूरी
रेनबो आईवीएफ कीं निदेशक डा. जयदीप मल्होत्रा ने कहा कि किसी भी महिला के मन में गर्भावस्था जितनी खुशी का अहसास जगाती है, उससे कहीं ज्यादा सतर्कता और चिंता का भाव बढ़ जाता है। खाने-पीने, चलने-फिरने से लेकर उठने-बैठने तक का ध्यान रखना पड़ता है। यही वो समय होता है जब स्त्री रोग विशेषज्ञ महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। यही वह स्थिति होती है जब डाॅक्टर कुछ विशेष दवाएं लेने की सलाह दे सकते हैं। ऐसी ही एक दवा है डायड्रोजेस्ट्रोन।
डायड्रोजेस्ट्रोन दवा होती है काफी प्रभावी
डा. नरेंद्र मल्होत्रा ने कहा कि यह प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का कृत्रिम विकल्प है, जिसे शरीर में प्रोजेस्टोन की कमी को पूरा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। डा. नीहारिका मल्होत्रा ने बताया कि डाइड्रोजेस्ट्रोन दवा के जरिए अनियमित मासिक धर्म का प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सकता है। मासिक धर्म संबंधी विकार, गर्भपात, एंडोमेट्रियोसिस, बांझपन आदि जटिलताओं से निपटा जा सकता है। इसका उपयोग सफलता के साथ इंप्लांटेशन के लिए आईवीएफ के दौरान भी किया जा सकता है। इसके अलावा यह हार्मोनल रिप्लेसमेंट थैरेपी में इस्तेमाल किया जाता है।
ये लोग रहे उपस्थित
इस दौरान डा. केशव मल्होत्रा, डा. शैली गुप्ता, डा. नीरजा सचेदव, डा. मनप्रीत शर्मा, डा. सेमी बंसल, डा. अनीता यादव, चांद, नयनतारा, उदिता, अंजलि, रिचा आदि मौजूद थे।