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Dr Pankaj wins majority for Vice President in Cantt Board Agra
उपाध्यक्ष डॉ. पंकज महेंद्रू, बनने के बाद सांसद केंद्रीय राज्य मंत्री राम शंकर कठेरिया के घर क्यों गए जबकि भाजपा ने चुनाव में डॉ महेंद्रू के विरोध में प्रत्याशी उतरे थे. भाजपा ने उन्हें उपाध्यक्ष बनने से रोकने के लिए पूरी दम लगा दी थी. अंदर खाने यह बताया जा रहा है की सीईओ द्वारा डॉ महेंद्रू के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कराने के बाद भाजपा के केंद्रीय राज्य मंत्री ने उनकी मदद की थी. उनके उपाध्यक्षबनने में भी सहयोग किया..ऐसा क्यों यह बड़ा सवाल है. सोमवार सुबह साढे़ 11 बजे छावनी परिषद कार्यालय में उपाध्यक्ष चुनाव के लिए बोर्ड की बैठक बुलाई गई। 12 बजे ब्रिगेडियर विकास सैनी की अध्यक्षता में बैठक शुरू हुई। डॉ. रेनू महेंद्रू ने उपाध्यक्ष पद के लिए डॉ. पंकज का नाम प्रस्तावित किया। उनके पक्ष में सभासदों से वोटिंग कराई गई। उनके पक्ष में छह सभासदों ने वोट किया। बिग्रेडियर ने डॉ. महेंद्रू के उपाध्यक्ष चुने जाने की घोषणा की। इसके साथ ही बाहर खडे़ उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। उन्होंने डॉ. महेंद्रू को मालाओं से लाद दिया। बोर्ड की बैठक में सीईओ सोनम यंगडोल, कर्नल मुस्तफा, कर्नल मुखर्जी आदि उपस्थित रहे।
इन्होंने किया पक्ष में मतदान
वार्ड-1 की सभासद राजकुमारी, वार्ड-2 की रेनू महेंद्रू, वार्ड-3 की विजय लक्ष्मी, वार्ड-6 की सीमा राजपूत, वार्ड-8 के भाजपा सभासद दिलीप कनौजिया। भाजपा पार्षद के डॉ. पंकज महेंद्रू के समर्थन करने पर कई लोगों को झटका लगा। शाम होते-होते दिलीप कनौजिया के समर्थन वापसी की अफवाह उड़ी। मगर, उन्होंने इससे इन्कार किया।—
दो गाड़ियों में पहुंचे थे पार्षद
बोर्ड की बैठक में भाग लेने के लिए डॉ. पंकज महेंद्रू और समर्थन देने वाले सभासद दो गाड़ियों से छावनी परिषद कार्यालय पहुंचे। एक गाड़ी में डॉ. पंकज, भाजपा पार्षद दिलीप कनौजिया और दोनों पार्षद पति थे। जबकि दूसरी कार में महिला सभासद डॉ. रेनू महेंद्रू, राजकुमारी, सीमा राजपूत और विजय लक्ष्मी थीं। उधर, दुर्गेश उपाध्याय और तारिक अहमद भी एक साथ पहुंचे।
यह रहा कार्यकाल
डॉ. पंकज महेंद्रू ने 1997 में पहली बार सभासद का चुनाव लड़ा और जीते। 13 महीने बाद पहली बार उपाध्यक्ष बने। इसके बाद 2002 से 2008 तक बैरिड बोर्ड रहा। इसमें भी 2006 से 2008 तक डॉ. महेंद्रू वेरिड बोर्ड के सदस्य रहे। मई 2008 में चुनाव जीतने के बाद डॉ. महेंद्रू दूसरी बार उपाध्यक्ष बने। 18 मई 2013 में कार्यकाल समाप्त हो गया। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने एक साल के लिए कार्यकाल बढ़ा दिया। अब 2 मार्च 2015 को वह तीसरी बार उपाध्यक्ष बने हैं।
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