Evidence of Oxygene on earth before 2.45 Millions years ago
आगरालीक्स.. पृथ्वी पर कब और कैसे आई ऑक्सीजन, ऑक्सीजन के बिना जीवन की संभावना ना के बराबर है। पृथ्वी के बाहर जब जीवन की खोज की जाती है तो पहले ऑक्सीजन की खोज की जाती है। करीब साढ़े चार अरब साल पहले पृथ्वी पर ऑक्सीजन थी ही नहीं, फिर पृथ्वी पर ऑक्सीजन कैसे आई यह आज भी शोध का विषय है।
कई दशकों से हो रही खोज
पिछले कई दशकों से वैज्ञानिक इस खोज में जुटे हैं कि पृथ्वी पर ऑक्सीजन कैसे आई और हवा में मिली। अभी तक वैज्ञानिक मानते रहे है कि जीवन से ही पैदा होने वाली ऑक्सीजन ही धीरे-धीरे वायुमंडल में जमा होती गई है। शिकागो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर निकोलस डोफाज ने कहा- अभी हम निश्चित नहीं हैं कि यह कैसे हुआ लेकिन इस दिशा में थोड़ी सी भी जानकारी बहुत अहम होगी।
पुरातन पृथ्वी की टाइमलाइन बनाई
डोफाज और उनके साथियों ने पृथ्वी के वायुमंडल में महासागरों के आयरन (लोहे) की भूमिका की जानकारी का खुलासा हुआ है। इस शोध अध्ययन से दूसरे तारों के सिस्टम के जीवन के अनुकूल संभावित ग्रहों की खोज में मददगार हो सकता है। वैज्ञानिकों ने पुरातन पृथ्वी की टाइमलाइन बनाई है। इसके लिए पुरानी चट्टानों, उनकी रासायनिक संरचना और उसके बदलावों का अध्ययन किया। वैज्ञानिक हर्ड ने बताया कि 2.4 अरब साल पहले पृथ्वी पर बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन हमेशा के लिए आने से पहले भी ऑक्सीजन के संकेत मिलते हैं। अभी तक उपयोग में लाई गई पद्धतियों से इसके बारे में सटीक जानकारी नहीं मिल सकी है।
लोहे ने बचाई ऑक्सीजन
लोहे की चीजों पर लगी जंग से यह पता लगाया जाता है कि आसपास पानी और ऑक्सीजन थी कि नहीं पुराने समय में महासागरों में लोहे की मात्रा भरपूर थी और आसपास के ऑक्सीजन को पक़ड़ लिया करते थे। जंग लगने का मतलब है कि उसने आसपास की ऑक्सीजन का उपयोग कर लिया है।
वैज्ञानक यह जानना चाहते हैं कि इस समस्या के बाद भी ऑक्सीजन हवा में कैसे बनी रह गई है इस समस्या के बाद भी ऑक्सीजन हवा में कैसे बनी रह गई है। वैज्ञानिक जानते थे कि कुछ लोहा महासागरों से सल्फर के साथ मिलकर ज्वालामुखियों के जरिये पाइराइट के तौर पर बाहर आ रहा था।। डोफाज की लैब में वैज्ञानिकों ने छोटे लोहे के आसोटोटस के वेरियशन मापने का काम किया ताकि पता चल सके कि लोहा किस तरह से कहां पहुंचा।
शोधकर्ताओँ को लगता है कि यह ऑक्सीजन के आने से पहले पृथ्वी बाह्यग्रहों को समझने के लिए बहुत अच्छी प्रयोगशाला हो सकती है।