नईदिल्लीलीक्स… किसानों के एक बार फिर बंद के आह्वान से लोगों की टेंशन बढ़ गई है। आगरा दिल्ली हाईवे 12 को देशभर में 14 दिसंबर कां बंद।
नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान 15 दिन से आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है। आठ दिसंबर के बाद अब किसानों ने 12 और 14 दिसंबर को बंद का आह्वान किया है। इसकी वजह से शादी समारोह वाले घरों में चिंता बढ़ गई है।
हाईवे टोल फ्री करने का ऐलान
किसानों ने 12 दिसंबर को आगरा-दिल्ली हाईवे और आगरा-जयपुर हाईवे पर चक्का जाम करने और सभी टोल प्लाजा फ्री करने का ऐलान किया है, जिससे इन दोनों मार्गों पर वाहनों से जाने वाले लोग अपने कार्यक्रम को परिवर्तित कर रहे हैं अथवा एक दिन पहले अथवा एक दिन बाद जाने का कार्यक्रम तैयार कर रहे हैं। लोगों में ट्रेनों के बंद होने की अफवाह से भी चिंता बढ़ी हुई है। ट्रेनों में आरक्षण करा चुके लोग भी तनाव में हैं। वह ऐन मौके पर ट्रेन रद्द होने की आशंका भी जता चुके हैं। इसे लेकर बारातों को वाहनो से एक दिन पहले और जरूरत पड़ने पर एक दिन बाद भी विदा करने पर विचार बना रहे हैं।
रोडवेज बसे जा रही हैं यमुना एक्सप्रेस वे से
आगरा की ओर दिल्ली जाने वाली रोडवेज बसें सीधे दिल्ली नहीं जाकर यमुना एक्सप्रेस होकर नोएडा तक जा रही हैं। किसानों के आंदोलन को देखते हुए रोडवेज ने यह कदम उठाया है।
दिल्ली-कौशाम्बी रोड जाम किया
किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के तहत आज दिल्ली से कौशाम्बी की ओर जानेवाली सड़क को जाम कर दिया है। किसानों का दावा है कि जो ट्रक फल वितरण कर रहा था, उसे जब्त कर लिया गया है।
आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश
भारतीय किसान यूनियन के मनदीप सिंह ने कहा है कि सरकार की मंशा किसानों के आंदोलन को कमजोर करनेकी है, लेकिन कई और किसान संगठन आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं।
कानून की वापसी के बाद ही आराम
किसान मजूदर संघर्ष समिति के संयुक्त सचिव सुखविंदर सिंह का कहना है कि दो-चार दिन में हमारा आंदोलन और तेज होगा। 12 दिसंबर को देशभर में टोल प्लाजा फ्री कर दिए जाएंगे। जिला मुख्यालय पर धऱना दिया जाएगा। 14 दिसंबर से देशभर के बाकी राज्यों में भी आंदोलन शुरू होगा। सरकार जब तक तीनों काले कानून वापस नहीं लेती, तब तक हम आराम से बैठने वाले नहीं हैं।
अखिलेश बोले, सरकार की मनमानी न हो
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा है कि किसान आंदोलन भारत के इस लोकतांत्रिक मूल्य की पुर्नस्थापना का भी आंदोलन है कि सरकार के सभी फैसलों में आम जनता की भागीदारी होनी चाहिए न कि सरकार की मनमानी। इसीलिए भारत में लोकतंत्र को बचाने के लिए देश का हर नागरिक भी आज किसान आंदोलन के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ता जा रहा है।
विपक्ष ने की घेराबंदी
कृषि कानून को लेकर विपक्ष भी सरकार की घेराबंदी कर रहा है। कल विपक्ष के पांच नेताओँ ने राष्ट्रपति से मुलाकात की, जिसमें तीनों कानूनों को खारिज करने की मांग की गई। राहुल गांधी, सीताराम येचुरी और शरद पवार इस मुलाकात में शामिल हुए। मीटिंग के बाद नेताओँ ने सरकार पर जमकर हमला किया।