नागालैंड के दीमापुर में दुष्कर्म के आरोपी की सार्वजनिक हत्या के बाद आगरा के शाहगंज में भी ऐसी ही घटना को अंजाम दिया गया। आगरा के शाहगंज के तमोलीपाड़ा में जूता कारीगर जीतू (22) पुत्र बलराम अपनी मां और दो भाइयों के साथ पांच महीनों से सुरजा देवी के घर किराए पर रहता था। पड़ोस में रहने वाले जूता कारखाना मालिक मुकेश और संजय की गिनती बस्ती के दबंग परिवारों में होती है। बुधवार की शाम लगभग छह बजे मुकेश की भतीजी अपने घर जाने को निकली। इसी दौरान नशे धुत में जीतू अपने दरवाजे पर खड़ा होकर उसके सामने लघुशंका करने लगा। इसका पता चलने पर किशोरी की मां जीतू के घर पहुंची और चप्पलों से पिटाई शुरू कर दी। जीतू के भाई छोटू के मुताबिक इसके कुछ देर बाद ही किशोरी का पिता संजय साथियों संग आया और बस्ती वालों के सामने बेरहमी से जीतू को पीटने लगा। परिवार के लोगों ने उसके नशे में होने का हवाला देते हुए माफी मांगी लेकिन हमलावरों ने एक नहीं सुनी। उन्होंने जीतू को पुलिस को सौंपने की कहा लेकिन दबंग संजय और मुकेश ने उसे अपने हाथों से सजा देने का ऐलान कर दिया। पिटाई के बाद मरणासन्न हालत में छोड़कर चले गए। कुछ देर बाद ही जीतू की मौत हो गई। सूचना पर पहली पुलिस के कार्रवाई न करने से आक्रोशित परिजनों ने गुरुवार शाम चार बजे पोस्टमार्टम के बाद शव को भोगीपुरा तिराहे पर रखकर करीब डेढ़ घंटा जाम लगाया, जिसे लाठियां भांज पुलिस ने खदेड़ दिया। बाद में एसपी सिटी समीर सौरभ के रिपोर्ट दर्ज करने के आश्वासन पर परिजन शांत हुए। एसपी सिटी के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में युवक की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया है।
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