आगरालीक्स.. (सिटीजन जर्नलिस्ट).. आगरा में भीख मांगने वाला युवक भगत हलवाई, एमजी रोड पर पहुंचा, उन्हें 20 हजार रुपये दिए, कारण जानकार आंखे नम और गला भर्रा जाएगा।
मित्रों, आज मैं आपको ऐसी घटना बता रहा हूँ जिसने मुझे अंदर तक हिला दिया, जीवन पर मनन करने के लिए विवश कर दिया। लिखते समय गला रुंधा हुआ है और आंखों में आंसू हैं।
ये शख्श जो आप मेरे साथ देख रहे हैं,अपंग है और मांग कर अपना जीवन यापन करता है। पिछले 8-10 साल से हर गुरुवार को मेरे प्रतिष्ठान पर आता है। मेरे से जो मदद बनती है वो नियमित इसको मिलता है। पिछले गुरुवार को मेरे पास आया और मेरे स्टाफ से कहा मुझे भैया से मिलना है, जब मैं उससे मिलने पहुंचा तो उसने कहा कि भैया मेरे पास कुछ रुपये हैं आप ले लो। मुझे लगा कि गरीब है शायद पैसे रखने की व्यवस्था न होने के कारण वो अपने जमा पैसे मेरे पास रखवाना चाहता है, कि उसके पैसे सुरक्षित रहेंगें और ज़रूरत पड़ने पर मुझसे ले लेगा। इस पर मैंने उससे कहा कि भाई में तेरे पैसे कहाँ रखूंगा इस चक्कर में मुझे न डाल। इस पर उसने कहा, भैया 20000 रुपये हैं मेरे पास,चाचा की दवाई के लिये ले लो। उसने इतना कहा बस मेरे आंखों में आंसुओं की झड़ी लग गयी, बुरी तरह से रोने लगा मैं। उसे गले लगाकर रोते हुए कहा कि रुपये तो अभी हैं मेरे पास भाई बस दुआ कर मेरे पिताजी ठीक हो जायें। मुझे रोता देखकर उसकी आंखों में भी आंसू आ गए मुझसे कहा भैया रो नहीं चाचा बिल्कुल ठीक हो जाएंगे। मुझसे बोला भैया, पिछले 3-4 महीने से बाबूजी नज़र नही आये आप भी बहुत कम होते हो, स्टाफ ने बताया चाचा काफी बीमार चल रहे हैं तो सोचा आपको पैसे की ज़रूरत होगी।
20000 इस बन्दे के लिए कितनी बड़ी रकम है, उसके लिये ये रकम अम्बानी की कुल सम्पत्ति के बराबर है। मैंने या मेरे पिताजी ने ऐसा बन्दा कमाया है, मुझे लगा मुझसे बड़ा पैसे वाला तो इस पूरी दुनिया में कोई नहीं, साक्षात ईश्वर मेरे साथ है। पिछले 8 महीनों से अपने पिताजी के स्वास्थ के लिये लड़ रहा हूँ बिल्कुल अकेला, कोई साथ न खड़ा हुआ, वो भी पिताजी के साथ नहीं,जो आज मेरे पिताजी की बदौलत राजा हैं। लेकिन जो शख्श साथ हुआ तो ऐसा लगा कि अब मुझे किसी की ज़रूरत नहीं, मेरे महादेव के लिए खुद महादेव आ गए
भगत हलवाई के ओनर शिशिर भगत की फेसबुक पोस्ट