Agra News: Cold increased in Agra. Know what the temperature
IMA Agra celebrated Doctor’s Day…#agranews
आगरालीक्स….(1 July 2021 Agra News) डॉक्टर्स डे पर बोले आगरा के डॉक्टर्स—कोरोनाकाल में मरीजों की सेवा करते—करते जान गंवाने वाले डॉक्टर्स भी कहलाए जाएं शहीद..आईएमए ने मनाया आशीर्वचन कार्यक्रम
आईएमए ने मनाया आशीर्वचन कार्यक्रम
आज चिकित्सक दिवस के उपलक्ष्य में आईएमए आगरा ने एक अद्भुत कार्यक्रम का सृजन किया. इस कार्यक्रम का नाम आशीर्वचन था. कार्यक्रम के तहत ज़ूम प्लेटफार्म पर आइएमए आगरा के चिकित्सकों को अपने गुरुओं एवं सीनियर्स का आशीर्वाद मिला. इसके पश्चात सभागार में मौजूद चिकित्सकों ने अपने टीचर्स से अपने मन में व्याप्त जीवन, फिलॉसफी, विज्ञान से संबंधित प्रश्नों के समाधान पूछे. इस कार्यक्रम में मुख्य मुख्य वक्ता के रूप में डॉ वीरेंद्र खंडेलवाल, डॉक्टर केके प्रूथी, डॉ संध्या अग्रवाल, डॉक्टर भूपेंद्र आहूजा एवं डॉ राकेश भाटिया थे.
दो मिनट का रखा मौन
कार्यक्रम का संचालन मीडिया प्रभारी डॉ पंकज नगायच ने किया. सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरुआत 2 मिनट के मौन से हुुई. उन लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई जिन चिकित्सकों को यह करोना लील गया है. हंसते-हंसते अपने प्राणों का बलिदान देने वाले यह चिकित्सक जिन्होंने अपने जान की परवाह किए बिना अपना तन मन धन न्योछावर किया मरीजों की सेवा में उनको शहीदों की श्रेणी में रखने की बात कही गई. डॉ नगायच् ने बताया कि डॉक्टर बीसी राय का आज जन्मदिन है. उनकी ही स्मृति में आज का दिन हम सभी लोग चिकित्सक दिवस के रूप में मनाते हैं. अध्यक्ष डॉ राजीव उपाध्याय ने कहा कि बिना गुरुओं के, बिना टीचर्स के, बिना सीनियर्स के चिकित्सा कर पाना संभव नहीं. निर्वाचित अध्यक्ष डॉक्टर ओपी यादव ने यह बताया कि गुरु का स्थान ईश्वर से ऊपर माना गया है इसलिए कोई भी चिकित्सक कितना भी बड़ा हो जाए वह अपने गुरुओं को हमेशा सम्मान देता है एवं उनसे सीखने की हमारी परंपरा रही है.
दिवंगत चिकित्सकों के परिवारों की करें मदद
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ वीरेंद्र खंडेलवाल साहब ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी से अपील की कि जो लोग गुजर गए हैं उनके परिवारों की मदद हमेशा चिकित्सकों को करनी चाहिए. उनके घर पर जाकर उनका संभल बढ़ाना चाहिए और अगर संभव हो तो जो हम फिजूलखर्ची करते हैं उसको रोक कर उन चिकित्सकों के परिवारों को आर्थिक मदद भी करनी चाहिए. निश्चित तौर पर मरीजों के साथ आज की तारीख में जो घटनाएं हो रही हैं उन पर रोक लगनी चाहिए और और उन पर रोक लगाने के लिए आत्मबल अति आवश्यक है. इसी कड़ी में डॉक्टर संध्या जैन ने एक पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन पर डॉ. बीसी रॉय के जीवन से जुड़ी तमाम घटनाओं को बताया. उन्होंने कहा कि डॉक्टर बी सी राय मॉडर्न मेडिसिन साइंस के भारत में जनक कहे जा सकते हैं. उन्होंने ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और इंडियन मेडिकल काउंसिल की स्थापना करवाई एवं स्वतंत्रता आंदोलन में भी अग्रणी भूमिका निभाकर भारत में चिकित्सा को विकसित करते रहे.
शॉर्टकट न अपनाएं चिकित्सक
डॉक्टर भूपेंद्र आहूजा ने यह कहा की चिकित्सक को कोई भी शॉर्टकट नहीं अपनाना चाहिए. सफलता के लिए उन्होंने युवा पीढ़ी को यह संदेश दिया की मेहनत, अपने आप को किताबों के साथ पढ़ाई के साथ अपडेटेड रखना एवं कोई भी आनएथिकल प्रैक्टिस ना करना ही मूल मंत्र है. वेल ड्रेसिंग सेंस जिसमें एप्रन सबसे पहले आता है इसका प्रयोग हर चिकित्सकों करना चाहिए। उन्होंने रेडियोलॉजिस्ट, गायनेकोलॉजिस्ट एवं सभी चिकित्सकों से कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए प्रतिबद्ध होने के लिए कहा. वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर केके प्रूति ने कहा सबसे पहले केवाईपी नो योर पेशेंट अपने मरीज को जाने समझे. कभी गलत बात में, गलत आवाज में मरीजों के साथ बात ना करें. और उनको कभी भी झूठा आश्वासन ना दे. जो सत्य है वही उनको बताया जाए. मरीजों को प्रोगनोसेस् सबसे पहले समझाई जाएं। अपना रिकॉर्ड भीतरी और आउटडोर पेशेंट का शत प्रतिशत सही लिखा जाए. उन्होंने बताया कि चिकित्सक के जीवन के तीन चरण होते हैं लर्न ,अर्न् एंड रिटर्न। मेडिकल कॉलेज में व्यक्ति लर्न करता है उसके बाद अर्न करता है और फिर समाज को रिटर्न करता है.
युवा पीढ़ी को दी सलाह
वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ राकेश भाटिया ने युवा पीढ़ी को यह बताया हमेशा से उनका सपना था कि वे चिकित्सक बने और बाल रोग विशेषज्ञ बने और समाज की सेवा करें. उन्होंने डॉ बीएस यादव एवं डॉक्टर दयाल साहब का उदाहरण देते हुए समझाया चिकित्सा कभी भी खाली नहीं जाती है. चिकित्सा या तो आपको धर्म का अर्जन् करवाएगी या आपको मित्र का अर्जन करवाएगी या आपको प्रतिष्ठा का अर्जन करवाएगी या धन का अर्जन करवाएगी और अगर कुछ भी नहीं मिला तो अभ्यास का अर्जन करवाएगी. इसलिए पूरी मनोभाव से चिकित्सा की जाए. उन्होंने यह भी बताया कि शुरू के 3 वर्ष तक तो प्रत्येक चिकित्सक को बिना जेबों के प्रैक्टिस करनी चाहिए अर्थात किसी भी अधिक धन की लालसा मन में नहीं लिए बिना समाज की सेवा में लगे रहना.
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सीमा सिंह ने उसके बाद एक बहुत ही भावपूर्ण मर्मस्पर्शी कविता का पाठ किया जिसमें उन्होंने चिकित्सक के संपूर्ण जीवन को लयबद्ध कर छन्दों में पिरो दिया और बाद में वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ संध्या अग्रवाल ने यह रखा कि ईश्वर चूंकि सब जगह नहीं पहुंच पाया इसलिए उन्होंने अपने अंश रूप में चिकित्सक को पृथ्वी पर भेजें. उन्होंने इस बात को भी रखा सभी लोग अपने विषय में पारंगत हो एवं अपने स्वास्थ्य का सर्वोपरि ध्यान रखें क्योंकि अगर स्वयं ही नहीं होंगे तो फिर समाज की रक्षा कौन करेगा. तत्पश्चात डॉ अनूप दीक्षित ने धन्यवाद ज्ञापन देकर सभा का सभापति समापन किया. कार्यक्रम में अनुपम गुप्ता, डॉक्टर पवन गुप्ता, डॉक्टर जितेंद्र चौधरी, डॉ रजनीश मिश्रा, डॉ मोहन भटनागर, डॉ बघेल, डॉ स्मिता टंडन, डॉ अर्चना सिंघल, डॉक्टर अरुण जैन, डॉ संजय धवन, डॉ मोहनिया सहित दर्जनों चिकित्सक मौजूद थे.