आगरालीक्स... पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस में लगातार भड़कती आग से महंगाई के विकराल रूप लेने की आशंका बढ़ गई है। पेट्रोल, डीजल, गैस की कीमतें बढ़ने से रसोई पर ही खर्चा नहीं बढ़ा है बल्कि इससे सभी चीजें महंगी होती जा रही है। यह आशंका आगरालीक्स से बातचीत में अर्थशास्त्री एवं आगरा कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डा. शरदचंद्र भारद्वाज ने इस बारे व्यक्त की।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि पर डा. भारद्वाज का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में वर्तमान में पेट्रोल-डीजल की कीमत अनुमानतः 54 से 55 डालर प्रति बैरल चल रही है, जबकि इससे ज्यादा विषम परिस्थितियां तब हुई थी, जब पेट्रोल-डीजल 130 डालर प्रति बैरल तक पहुंच गया था लेकिन पेट्रेल और डीजल उस दौरान भी इतना महंगा नहीं हुआ था। अब एक-दो डालर प्रति बैरल बढ़ जाने के बाद भी स्थिति बिगड़ रही है।

मध्यमवर्ग पर कुठाराघात
इसका असर आम जनता तक पड़ रहा है। सूचकांक में कमी आई थी, उसमें एक बार फिर तेजी आने के आसार है। पेट्रोल-डीजल के साथ रसोई गैस की कीमतें भी लगातार बढ़ रही हैं। आम बजट में भी मध्यमवर्ग के लिए कुछ राहत नहीं मिल रही है तो ऐसे में पेट्रो पदार्थों पर मूल्य वृद्धि आम जनता के हितों पर कुठाराघात है।
सीधा असर आम जनता पर
अर्थशास्त्री डा. भारद्वाज का कहना है कि पेट्रोल की कीमतें बढ़ने से ट्रांसपोर्टेशन पर असर पड़ेगा। सामान को लाना-लेजाना महंगा होने का सीधा असर आम उपभोक्ता की जेब पर पड़ेगा और जो महंगाई का ग्राफ गिरा है, वह कुछ समय बाद फिर बढ़ जाएगा। उन्होंने शेयर बाजार को लेकर कहा कि सेंसेक्स 52 हजार पहुंचे अथवा पचास हजार पर रहे। इसका आम जनता पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता क्योंकि देश की करीब ढाई फीसदी आबादी ही शेयर बाजार से जुड़ी है। इससे आम और मध्यमवर्गीय जनता अथवा महंगाई पर कोई खास असर नहीं पड़ता है।