आगरालीक्स३ आज ही के दिन पहले परखनली यानी टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म हुआ था, दूसरा टेस्ट ट्यूब बेबी भारत में हुआ लेकिन डॉक्टर को दंडित किया उन्होंने आत्महत्या कर ली था। आगरा में पहला टेस्ट ट्यूब बेबी, जानें.
अपना 44 वां जन्मदिन मना रही लुइस जॉय ब्राउन का बेटा 16 साल का है। आज ही के दिन 25 जुलाई 1978 को इंग्लैंड के ओल्डहैम जनरल हॉस्पिटल का अलग ही मााहौल था, भारी पुलिस बल तैनात था, और जैसे ही दुनिया की पहली टेस्ट ट्यूब बेबी लुइस जॉय ब्राउन का जन्म हुआ, जश्न मनाया गया, 60 से अधिक जांच की गई जिससे पता चला कि टेस्ट ट्यूब बेबी से जन्म लेने बाली बच्ची सामान्य बच्चों की तरह ही स्वस्थ्य है। इसे बेबी ऑफ द सेंचुरी कहा गया। इसके लिए इंग्लैंड के रॉबर्ट एडवर्ड को 2010 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया
लेकिन दुर्भाग्य देखिए, संसाधनों के अभाव में इसके 67 दिन बाद 3 अक्टूबर 1978 को दुनिया की दूसरी टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म एनआरएस मेडिकल कॉलेज के डॉ सुभाष मुखोपाध्याय ने कराया, उस दिन दुर्गा पूजा थी, इसलिए नाम दुर्गा रखा गया, जबकि वास्तविक नाम कनुप्रिया अग्रवाल है। दूसरे टेस्ट ट्यूब बेबी का दावा करने के साथ ही डॉ. सुभाष मुखोपाध्याय पर सवाल उठने लगे, उन्हें प्रताड़ित किया गया, 19 जून 1981 को कोलकाता स्थित अपने घर पर डॉ सुभाष मुखोपाध्याय ने सुसाइड कर ली। इसके पांच साल बाद 1986 में मुंबई में पहले ;टेस्ट ट्यूब बेबीद्ध तकनीक से हर्षा नामक बच्ची का जन्म हुआ। 16 साल बाद स्वीकार किया गया है डॉ. सुभाष मुखोपाध्याय ने ही पहले टेस्ट ट्यूब बेबी को जन्म दिया था।
आगरा में पहला टेस्ट टयूब बेबी
आगरा में पहले टेस्ट टयूब बेबी का दावा 01 अगस्त 1998 को किया गया, दयालबाग क्षेत्र के रहने वाले दंपती ने आईवीएफ से बेटे को जन्म दिया था, वह अब 24 साल का हो चुका है। आगरा में आईवीएफ सेंटर की संख्या बढ़ी है और हर महीने 300 तक आईवीएफ के केस हो रहे हैं।