आगरालीक्स… आगरा के केंद्रीय हिंदी संस्थान के रजिस्ट्रार चंद्रकांत त्रिपाठी को निलंबित कर दिया गया है। फर्जी मार्कशीट कांड में फंसने के बाद निदेशक ने उन्हें सोमवार को निलंबित करते हुए अहमदाबाद से संबदृध कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर 2000 में वाराणसी के रहने वाले चंद्रकांत त्रिपाठी केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के रजिस्ट्रार के पद पर नियुक्ति हुए थे। पिछले दिनों संस्थान के कई कोर्स की करीब 100 फर्जी मार्कशीट उडीसा से सत्यापन के लिए केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा आई थी। यह मामला पकडे जाने के बाद फर्जी मार्कशीट का खेल सामने आने लगा। इस मामले में संस्थान द्वारा कोर्ट के माध्यम से रजिस्ट्रार चंद्रकांत त्रिपाठी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले की जांच मंत्रालय की कमेटी ने करते हुए रजिस्ट्रार को निलंबित करने की संस्तुति की। इस पर केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक प्रो नंद किशोर ने सोमवार को रजिस्ट्रार चंद्रकांत त्रिपाठी को निलंबित करते हुए अहमदाबार से संबदृध कर दिया है।
फर्जी मार्कशीट से कर रहे नौकरी
केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा में गैर हिंदी भाषी राज्यों के छात्रों के लिए अध्यापक शिक्षण कोर्से संचालित है। इन कोर्स में बीटीसी के समकक्ष प्रवीण, बीएड के समकक्ष पारंगत और एमएड के समकक्ष कोर्स निष्णात है। यह कोर्स केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा में होते हैं। इन कोर्स की 100 के करीब फर्जी मार्कशीट जारी की गईं। इन फर्जी मार्कशीट पर नौकरी भी लग चुकी है।
निलंबन के साथ कर दिए रिलीव
केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की समिति के अधीन है। कमेटी की संस्तुति पर रजिस्ट्रार चंद्रकांत त्रिपाठी को सोमवार को निलंबित करने के बाद रिलीव भी कर दिया गया। जांच होने तक वे हिंदी संस्थान के अहमदाबाद केंद्र से संबदृध रहेंगे।
चर्चा में रहे हैं चंद्रकांत त्रिपाठी
16 साल से केंद्रीय हिंदी संस्थान में कार्यरत रजिस्ट्रार चंद्रकांत त्रिपाठी कई मामलों को लेकर चर्चा में रहे हैं। उन पर तमाम तरह के आरोप लगते रहे हैं। इसके साथ ही वे सोशल मीडिया के माध्यम से भी अक्सर चर्चा में बने रहे।
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