Krishna Janmashtami celebrate in ISKCON, Agra #agranews
आगरालीक्स..आगरा में रंग-बिरंगी रोशनी, सुगंधित फूल लताओं, मणि मालाओं से सराबोर इस्काॅन मंदिर में जन्माष्टमी मनाई गई।
मंदिर में दो दिन तक उत्सवमयी वातावरण है। आज भी विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी।
अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ यानि इस्काॅन। कृष्ण जन्माष्टमी कमलानगर, रश्मि नगर स्थित श्री श्री जगन्नाथ मंदिर, इस्काॅन आगरा में उल्लास के साथ मनाई गई। दिन भर यहां का प्रांगण कीर्तन, भगवान कृष्ण के गीतों से गुंजायमान रहा। रंग-बिरंगी रोशनी, सुगंधित फूल लताओं, मणि मालाओं से सजे मंदिर में श्री श्री जगन्नाथ मंदिर, इस्कॉन आगरा के अध्यक्ष अरविंद स्वरूप दास प्रभु जी के साथ विशिष्ट अतिथि मेयर नवीन जैन, प्रमुख समाजसेवी जितेंद्र चौहान, संजीव मित्तल, अशु मित्तल शैलेन्द्र अग्रवाल, स्वाति अग्रवाल, रोहित बंसल ने भगवान का दिव्य अमृतमय द्रव्यों से अभिषेक कर उनकी महाआरती की गई। तो वहीं प्रभु को विशेष भोग लगाए गए। कान्हा जी की पोशाक हर किसी के लिए आकर्षण का केंद्र रही। दिन भर आयोजित हुईं गतिविधियां कृष्णानुरागियों को जोड़ने में सफल रहीं। भगवान श्रीकृष्ण का मंगलाचरण, अभिषेक करने के साथ ही भक्तों ने भव्य फूल बंगले एवं आलौकिक श्रंगार दर्शन किए।
सभी धार्मिक एवं भक्तिपूर्ण अनुष्ठान, पूजा-अर्चना शाम 4.30 से शुरू होकर प्रभु श्रीकृष्ण के जन्म के समय रात्र्ाि 12 से 01 बजे तक चले। भक्त प्रभु श्रीकृष्ण महाभिषेक एवं आलौकिक श्रंगार दर्शन के लिए भक्त आतुर रहे। रात्रि 12 बजे जैसे ही बाल-गोपाल जन्मे उत्सव का माहौल अपने चरम पर आ गया। महाआरती के साथ ही बाल-गोपाल अवतरण के जयघोषों की गूंज सुनाई देने लगी। श्री श्री जगन्नाथ मंदिर, इस्काॅन आगरा के अध्यक्ष अरविंद स्वरूप दास प्रभु जी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण छठ एश्वर्य के स्वामी हैं। उनका पृथ्वी पर अवतरण भी उनकी विशेष कृपा ही है। सभी भक्त उनके अवतरण उत्सव में शामिल होकर कृपा पात्र बन जाते हैं। फूड फाॅर लाइफ इस्काॅन आगरा कीं को-आॅर्डिनेटर अशु मित्तल ने कहा कि प्रत्येक वर्ष हर कृष्ण भक्त को एकादशी तिथि के अलावा अगर किसी दिन का इंतजार रहता है तो वो तिथि भाद्रपद्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस दिन श्री कृष्ण भगवान का जन्म हुआ था, जिस कारण इसका अधिक महत्व होता है।
वहीं आज इस्काॅन के संस्थापक आचार्य भक्तिवेदांत स्वामी श्री प्रभुपाद के जन्मोत्सव 125वीं व्यास पूजा दोपहर 12 बजे मंदिर परिसर में होगी। इस तरह मंदिर में दो दिवसीय भक्तिमयी और उत्सवमीय वातावरण है।