मथुरालीक्स…. डॉक्टर भी हैरान, आईवीएफ के दौर में निसंतान दंपती संतान की चाह में आगरा रीजन में राधाकुंड में स्नान करेंगे, हजारों की संख्या में निसंतान दंपती पहुंचे, जानें राधाकुंड और श्यामकुंड के बारे में।
गोवर्धन, मथुरा की परिक्रमा में राधाकुंड और श्यामकुंड हैं। अहोई अष्टमी पर आज यानी 17 अक्टूबर की रात 12 बजे से 18 अक्टूबर की दोपहर 12 बजे तक हजारों की संख्या में निसंतान दंपती स्नान करेंगे। हजारों की संख्या में निसंतान दंपती पहुंच गए हैं, कुछ ही देर में राधाकुंड में स्नान शुरू हो जाएगा।
ये है मान्यता
ऐसी मान्यता है कि श्रीश्रीकृष्ण ने राक्षस जो बछड़े का रुप धरकर आया था उसे मार दिया। इससे श्रीकृष्ण को गोहत्या का पाप लग गया। गोहत्या के पाप से मुक्ति के लिए श्रीकृष्ण ने अपनी बंशी से राधाकुंड तैयार कर दिया। अहोई अष्टमी की रात 12 बजे श्रीकृष्ण ने सभी तीर्थो को राधाकुंड में एकत्रित कर दिया। इसके बाद श्रीकृष्ण ने सभी तीर्थों के जल से स्नान किया, इससे श्रीकृष्ण गोहत्या के पाप से मुक्त हो गए। इसके बाद से राधाकुंड में निसंतान दंपती संतान की चाह के लिए अहोई अष्टमी के दिन स्नान करने लगे, द्वापर काल से यह परंपरा चली आ रही है।
राधा कुंड और के साथ कृष्ण कुंड
राधाकुंड के साथ ही कृष्ण कुंड है। ये अलग अलग बने हुए हैं और करीब 10 एकड़ में फैले हैं, दोनों कुंड का जल एक दूसरे से मिला हुआ है लेकिन दोनों के जल का रंग अलग अलग है। राधाकुंड का जल श्वेत तो कृष्ण कुंड का श्याम है, इसलिए श्याम कुंड भी कहते हैं।