Saturday , 8 February 2025
Home agraleaks Matra Navami Shraddha is considered important in Shradh Paksha #agranews
agraleaksअध्यात्मआगराटॉप न्यूज़सिटी लाइव

Matra Navami Shraddha is considered important in Shradh Paksha #agranews

आगरालीक्स(25th September 2021 Agra News)… मातृ नवमी श्राद्ध को ख़ास महत्वपूर्ण माना जाता है. सभी मनोकामनाओं की होती है पूर्ति. जानिए कब है मातृ नवमी.

गुरुवार को है मातृ नवमी
हिंदू धर्म में पितरों की आत्मा की शांति के लिए हर श्राद्धपक्ष या पितृपक्ष के दौरान पिंडदान और तर्पण की क्रिया की जाती है। पितरों का आशीर्वाद परिवार पर बनाए रखने के लिए मुख्य रूप से सोलह दिनों के पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध कर्म करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। विशेष रूप से नवमी तिथि को किये जाने वाले मातृ नवमी श्राद्ध को ख़ासा महत्वपूर्ण माना जाता है। गुरुवार 30 सितंबर को मातृ नवमी का श्राद्ध किया जाएगा।

मातृ नवमी का महत्व
ज्योतिषाचार्य हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि हिंदू धर्म के अनुसार मातृ नवमी का श्राद्ध आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को किया जाता है। इस दिन मुख्य रूप से परिवार के सदस्य अपनी माता और परिवार की ऐसी महिलाओं का श्राद्ध करते हैं, जिनकी मृत्यु एक सुहागिन के रूप में होती है। यही कारण है कि इस दिन पड़ने वाले श्राद्ध को मातृ नवमी श्राद्ध कहते हैं।

सौभाग्यवती श्राद्ध के नाम से जाना जाता है
ज्योतिषाचार्य हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि मान्यता है कि मातृ नवमी श्राद्ध के दिन परिवार की बहू बेटियों को व्रत रखना चाहिए। इस दिन व्रत रखने से विशेष रूप से महिलाओं को सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद मिलता है। इसलिए इस दिन किये जाने वाले श्राद्ध को सौभाग्यवती श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है।

ज्योतिषाचार्य हृदय रंजन शर्मा

मातृ नवमी श्राद्ध नियम
इस दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व सभी नित्य क्रियाओं से निवृत होने के बाद घर के दक्षिण दिशा में एक हरे रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर दिवंगत पितरों की फोटो रखें।
अगर आपके पास किसी की फोटो ना हो तो उसकी जगह एक साबूत सुपारी रख दें।
अब श्रद्धापूर्वक सभी पितरों के नाम से एक दीये में तिल का तेल डालकर उसे जलाएं।
इसके बाद सुगंधित धूप या अगरबत्ती जलाकर सबकी फोटो के सामने रखें और एक तांबे के लोटे में जल डालकर उसमें काला तिल मिलाकर पितरों का तर्पण करें।
दिवंगत पितरों की फोटो पर तुलसी के पत्ते अर्पित करें। आटे से एक बड़ा दीया जलाकर उसे सबकी की फोटो के आगे रखे।
अब व्रती महिलाएं कुश के आसन पर बैठकर भागवत गीता के नौवें अध्याय का पाठ करें। श्राद्धकर्म पूरा होने के बाद ब्राह्मणों को लौकी की खीर, मूंगदाल, पालक सब्जी और पूरी आदि का भोजन कराएं। ब्राह्मण भोजन के बाद यथाशक्ति अनुसार उन्हें दक्षिणा देकर विदा करें।

Related Articles

आगरा

On the death of Rajendra Bansal of Agra, family members donated his body

आगरालीक्स…आगरा के राजेंद्र बंसल के निधन पर परिजनों ने किया देहदान. एसएनएमसी...

आगरा

Agra Weather: Continuous icy winds are blowing in Agra, know today’s weather…#agra

आगरालीक्स…आगरा में आज भी बर्फीली हवाएं चल सकती हैं. दिन में धूप...

टॉप न्यूज़

Morning News: All News papers review 8th February 2025#agra

आगरालीक्स…8 फरवरी का प्रेस रिव्यू. अमेरिका अभी 487 भारतीयों केा और भेजेगा,...

agraleaks

Delhi Election Result: BJP lead in Delhi

नईदिल्लीलीक्स…. दिल्ली विधानसभा चुनाव के शुरुआती रुझान में भाजपा आगे, आप दे...