Agra News: Recruitment of security personnel and security supervisor in
Now the world will learn the lifestyle of Dayalbagh: ICA launched in New Jersey, USA….#agranews
आगरालीक्स…अब दुनिया सीखेगी दयालबाग की लाइफस्टाइल. कैसे मिट्टी का नुकसान पहुंचाए बिना की जाती है इको फ्रेंडली खेती, दयालबाग का न्यू जर्सी, यूएसए में इंटरनेशनल सेंटर फॉर एग्रोकोलॉजी हुआ लॉन्च
दयालबाग की अपनी अलग लाइफस्टाइल
पृथ्वी पर टिकाऊ जीवन और मानव कल्याण के लिए मिट्टी का स्वस्थ होना बेहद जरूरी है. आज अमेरिका के वैज्ञानिक भी स्वस्थ जीवन शैली के लिए सुदूर अफ्रीका में अध्ययन करने में प्रयासरत हैं. वहां की प्रमुख वैज्ञानिक पत्रिका साइंटिफिक अमेरिका के नवंबर 2021 के अंक में यह खोज प्रधानता से प्रकाशित है और भविष्य में इसे विश्व शांति का एक माध्यम माना गया है. आगरा में दयालबाग भी अपनी अलग लाइफस्टाल के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. यहां सुबह—सुबह बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्ग तक खेतों में काम करने के लिए जाते हैं. यहां मिट्टी को बिना किसी नुकसान के इको फ्रेंडली खेती पर काम किया जाता है.
दयालबाग का यूएसए में आईसीए लॉन्च
दयालबाग राधास्वामी सत्संग एसोसिएशन आफ नॉर्थ अमेरिका (डीआरएसएएनए) की पेंशन रोड संपत्ति ओल्ड ब्रिज टाउनशिप न्यू जर्सी में स्थित है. यह 19.5 एकड़ में फैला हुआ है. यहां राधास्वामी सत्संग सभा, दयालबाग के मॉडल पर और शिक्षा के लिए डीईआई के साथ अंतर्राष्ट्रीय कृषि विज्ञान केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है. गुरुवार को यहां इंटरनेशनल सेंटर फॉर एग्रोकोलॉजी (आईसीए) को लांच किया गया. आईसीए बड़े पैमाने पर वनों की कटाई, पानी की कमी, जैव विविधता की हानि, मिट्टी की कमी, असमान ख़ा उपलब्धता के लिए सांसधन गहन कृषि प्रणालियों की समकालीन और भविष्य की वैश्विक चुनौतियों के लिए नुस्के विकसित करेन की दिशा में काम करेगा.
दुनिया को अपनी लाइफस्टाइल से रूबरू कराएगा दयालबाग
मानव कल्याण के लिए दुनिया को अपनी लाइफस्टाइल दिखाने और इको फ्रेंडली खेती करने के लिए आईसीए यहां पर अनुसंधान विद्वानों, वैज्ञानिकों, चिकित्सकों, सामुदायिक नेताओं, विचारशील नेताओं और प्रशासकों के साथ बहुराष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की मेजबानी करेगा. राजाबरारी एस्टेट के जनरल मैनेजर डॉ. विशाल सहानी ने बताया कि यहां पहले रबी की भरपूर फसल एक सपना थी लेकिन एस्टेट द्वारा निर्मित 26 लघु बांध बरसात का पानी एकत्रित करके कई परिवारों को अपने तथा पशुओं के पालन पोषण की राह को संभव बना रहे हैं. सौर ऊर्जा से यहां स्ट्रीट लाइन, पानी के पम्प और कम्प्यूटर लैपटॉप तक चल रहे हैं. शायद ही विश्व में ऐसा कोई उदाहरण मिले, जहां भूमिस्वामी ने 0.1 प्रतिशत खोट पर भूमि साझेदारों को उपलबध कराई गई हो. उन्होंने बताया कि अमेरिका में लाखों डॉलर खर्च करके नवीनतम रीक्रिएटेड व्हीकल्स बनाए जा रहे हैं, परंत यहां पर परम गुरु हुजूर डॉ. लाल सहाब द्वारा इस्तेमाल की गई महिंद्रा अरमाडा के पीछे बांस ट्रली से छादत्रों को मध्यान्ह भोजन पहुंचाया जाता है. बैलगाडी में बैठकर अत्यंत आधुनिक यूआईडी कार्ड बन रहे हैं और आदिवासी छात्र स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी अमेरिका में सृजित फोल्ड स्कोप से विज्ञान की खोज में लगे हैं. भोजन में यहीं पर उपजे अनाज, दालें, सब्जियां, मसाले और दुग्ध उत्पाद प्रयोग किए जाते हैं.
सौ वर्षों से लाइफस्टाल एक जैसी
साइंटिफिक कमेटी के अध्यक्ष प्रो. एसएस भोजवानी का कहना है कि दयालबाग के लिए तो एग्रोइकोलॉजी कोई नई प्रणाली नहीं है. यहां तो लगभग सौ वर्षों से ही इसी प्रणाली के आधार पर विकास प्रक्रिया अपनाई गई है. दयालबाग मेंपेट्रोल डीजल चलित वाहन प्रतिबंधित हैं और यहां के लोग आवागमन के लिए साइकिल, रिक्शा तथा ई—रिक्शा का प्रयोग करते हैं. सभी घरों में पीएनजी का इस्तेमाल होता है. संभावित उच्च प्रदूषण को रोकने के लिए पानी का छिड़काव किया जाता है. गौशाला में जानवरों को शुद्ध जैविक चारा खिलाया जाता है जिससे कॉलोनीवासियों को शुद्ध व पौष्टिक दूध मिलता है. खेती में किसी भी प्रकार के हानिकारक कीटनाशक, जीवनाशक प्रयेाग नहीं किा जाते हैं और ही केमिकल खाद का प्रयोग होता है. डॉ. बानी दयाल धीर ने भी बताया कि किस प्रकार आईसीएनसी टॉल लैब बच्चों के विकास तथा बुद्धिमत्ता एवं ज्ञान को बढ़ाने में मदद कर रही है और यह लैब आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित है.
हुजू प्रो. प्रेम सरन सतसंगी और रानी साहिबा रहीं उपस्थित
कार्यक्रम के अंत में विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यकत् करते हुए दयालबाग की उत्तम जीवनशैली की प्रशंसा की और कहा कि ऐसी ही जीवनशैली को अपना कर विश्व की समस्याओं का हल संभव है. दयालबाग में आयोजित किए गए कार्यक्रम में हुजूर प्रो. प्रेम सरन सतसंगी और रानी साहबा ने उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई. संचालन राधास्वामी सतसंग सभा के अध्यक्ष गुरू स्वरूप सूद ने किया. कार्यक्रम में संत सुपरमैन स्कीम के नन्हे बच्चों ने आकर्षक प्रस्तुति दी. इस अवसर पर दयालबाग कॉलोनी, डीईआई समेत सभी भवनों एंव सतसंग से जुड़े 500 केंद्रों पर विद्युत सज्जा की गई और परम पुरुष पूरन धनी हुजूर स्वामी जी महाराज की पवित्र समाध को भी रंगबिरंगी रोशनी से रोशन किया गया.