आगरालीक्स.. आगरा में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के आने की तैयारियों के बीच कुलपति डॉ अरविंद दीक्षित का विरोध कर रहे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को पुलिस और सुरक्षा कर्मियों ने पीटा। कुलपति डॉ अरविंद दीक्षित की गाडी के सामने बैठने पर पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को खदेड दिया। कार्यकर्ता नहीं हटे तो लाठी भटकारी और खींच कर ले गए।
आगरा के डॉ भीमराव आंबेडकर विवि में 25 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति का अनवारण होना है, इसके लिए राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आएंगे। इससे पहले विवि की माक्र्सशीट और कुर्सियों का भगवा रंग करने का एनएसयूआई द्वारा विरोध किया जा रहा है। मंगलवार को एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने पालीवाल पार्क स्थित कुलपति डॉ अरविंद दीक्षित के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। कुलपति डॉ अरविंद दीक्षित अपनी गाडी से जाने लगे तो कार्यकर्ता उनकी गाडी के सामने लेट गए। सुरक्षा कर्मियों और पुलिस ने लाठियों से कार्यकर्ताओं को पीटा और खींच कर गाडी में बिठाकर थाने ले गए।

कुलपति के खिलाफ पोस्टर चस्पा
17 सितंबर 2018 को आगरा विवि के कुलपति के खिलाफ पोस्टर चस्पा किए गए हैं, इन आपत्तिजनक पोस्टर में कुलपति को कानपुर का लल्ला आगरा में आकर बन गया दल्ला लिखा गया है। पोस्टर में शैक्षिक गुणवत्ता लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में कुलपति डॉ अरविंद दीक्षित का कहना है कि विवि में दलाली कर रहे अराजक तत्व परेशान हैं, वे ऐसी हरकत कर रहे हैं
आगरा के डॉ भीमराव आंबेडकर विवि के कुलपति डॉ अरविंद दीक्षित को आरएसएस की पोशाक में भाजपा का जिलाध्यक्ष लिखते हुए पोस्टर चस्पा किए गए हैं। ये पोस्टर विश्वविद्यालय के पालीवाल कैंपस, खंदारी कैंपस, आईएसबीटी, कलक्ट्रेट सहित शहर में अलग अलग जगहों पर चस्पा कर दिए गए हैं। इन पोस्टर में विवि की 11 समस्याएं उठाईं गईं हैं। कुलपति डॉ अरविंद दीक्षित के आने के बाद विवि में शिक्षा, विश्वविद्यालय और लैब के क्षेत्र में उनका योगदान शून्य दर्शाते हुए भाजपा के लिए कार्य करने के लिए 100 नंबर दिए गए हैं।

माक्र्सशीट का रंग बदलने पर लगाए आरोप
इसके साथ ही कुलपति पर मार्कशीट का रंग बदलने, विश्वविद्यालय का भगवाकरण और दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति लगवाने में डेढ़ करोड़ रुपये खर्च करने की बात लिखी है।
ये है कहना
डॉ भीमराव आंबेडकर विवि के कुलपति डॉ. अरविंद दीक्षित का मीडिया से कहना है कि दो साल कार्यकाल को होने जा रहे हैं,मार्कशीट, माइग्रेशन, डिग्री, परीक्षा कार्य आनलाइन कर दिया। विश्वविद्यालय में बाहरी और अराजक तत्वों पर लगाम लगाई।
इससे कई ऐसे तत्व हैं, जिनकी दलाली का काम बंद हो गया है। हताशा और बौखलाहट में ये पोस्टर चस्पा किए हैं। आरोपों की बात है तो पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति शासन लगा रहा है। पुस्तकालय हाईटेक हो चुका है। मार्कशीट का रंग और महापुरुषों की जयंती मनाना भगवाकरण है तो मानते रहें।