शनिवार को दोपहर 12 30 बजे प्रदेश के आईटी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री सुधीर कुमार रावत जिला अस्पताल पहुंचे। ओपीडी का निरीक्षण करने के बाद वार्ड में गए, अधिकांश बेड खाली थे। मरीजों से दवाओं के बारे में पूछा तो बताया गया कि बाजार से खरीदनी पड रही हैं। इसके बाद वे लौटने लगे तो शिव कुमारी 60 साल उनके सामने रोते बिलखते हुए पहुंच गई। उन्होंने आरोप लगाए कि पैरों में दर्द होता है, डॉक्टर इलाज नहीं कर रहे हैं। चैंबर से धक्का देकर बाहर निकाल लिया। शिव कुमार के साथ मंत्री चैंबर नंबर तीन में गए, अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ राजेंद्र अरोरा से शिव कुमारी का इलाज न करने के बारे में सवाल किया। उन्होंने कहा कि पर्चे पर दवाएं लिख दी, लेकिन वे एक्सरे कराने की कह रहीं थी। मंत्री ने डॉक्टर से अच्छा व्यवहार करने के लिए कहा।
उन्हें जिला अस्पताल में कोई बडी समस्या नहीं दिखाई, अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं और दोपहर दो बजे के बाद इलाज नहीं मिलता है, इस पर मंत्री ने डॉक्टरों की कमी का रोना शुरू कर दिया और सीएम अखिलेश यादव की प्राथमिकता वाले स्वास्थ्य विभाग में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए शुरू किए जा रहे प्रोजेक्ट गिनाने लगे।
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