आदेश में नियामक आयोग ने कहा है कि शुरुआत में प्रीपेड मीटर की व्यवस्था उद्योगों को छोड़कर 45 किलोवाट तक विद्युत भार वाले अन्य सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं के लिए लागू की जा सकती है। प्रीपेड मीटर वाले उपभोक्ताओं पर भी वर्तमान में घरेलू, वाणिज्यिक व अन्य श्रेणियों के लिए निर्धारित बिजली दरें लागू होंगी लेकिन उन्हें बिजली बिल पर छूट मिलेगी जिसका उल्लेख तत्समय लागू टैरिफ आर्डर में होगा। वित्तीय वर्ष 2014-15 के टैरिफ आर्डर के मुताबिक प्रीपेड मीटर वाले उपभोक्ताओं को 1.25 प्रतिशत रिबेट मिलेगा। आयोग ने प्रीपेड मीटर को उपभोक्ता के भवन के बाहर लगाने को कहा है। प्रीपेड मीटर का विकल्प चुनने वाला कोई उपभोक्ता यदि मीटर और केबल का चार्ज एक साथ नहीं अदा कर सकता है तो उससे इसकी वसूली 12 समान किस्तों में की जाएगी।
प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के फिक्स्ड चार्ज का आकलन मीटर में रिकार्ड की गई मांग की बजाय स्वीकृत लोड या स्वीकृत लोड के 75 फीसद, दोनों में से जो भी ज्यादा हो, पर किया जाएगा। स्वीकृत लोड से ज्यादा बिजली का इस्तेमाल करने पर प्रीपेड उपभोक्ता पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। अलबत्ता प्रीपेड उपभोक्ता द्वारा स्वीकृत लोड से ज्यादा विद्युत भार का उपयोग करने पर उसके यहां बिजली आपूर्ति स्वत: कट जाएगी जो कि अतिरिक्त लोड को हटाने के बाद मीटर को पुश बटन दबाकर रीसेट करने से बहाल की जा सकेगी। यदि कोई उपभोक्ता विद्युत लोड बढ़वाना चाहता है तो उसे मौजूदा नियमों का पालन करना होगा।
लाइफलाइन श्रेणी के उपभोक्ताओं का विद्युत उपभोग यदि एक निर्धारित सीमा (मसलन 150 यूनिट) से ज्यादा बढ़ जाता है और बैलेंस की अनुपलब्धता के कारण आपूर्ति बाधित हो जाती है तो उपभोक्ता द्वारा जमा की जाने वाली अतिरिक्त धनराशि अगले रीचार्ज में समायोजित की जाएगी। किसी भी श्रेणी के लिए निर्धारित न्यूनतम चार्ज में इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी और रेगुलेटरी सरचार्ज शामिल होगा। इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी और रेगुलेटरी सरचार्ज का आगणन वास्तविक बिजली खपत के आधार पर की जाएगी। उपभोक्ता को अधिकतम चार महीने में कम से कम एक बार प्रीपेड मीटर रीचार्ज कराना होगा। रीचार्ज वाउचर की कीमत न्यूनतम कीमत 400 रुपये होगी। हालांकि उपभोक्ता की रुख और उनकी जरूरत को देखते हुए लाइसेंसी इसकी कीमत घटा सकता है। शुरुआत में मौजूदा बिलिंग केंद्रों को कार्य दिवसों पर रीचार्ज वाउचर जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है। भविष्य में प्रीपेड मीटर की स्वीकार्यता को देखते हुए रीचार्ज की सुविधा ऑनलाइन या एटीएम के जरिए उपलब्ध करायी जा सकती है।
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