आगरालीक्स… उत्तर भारत की ऐतिहासिक रामबरात में प्राचीन मन:कामेश्वर महादेव मंदिर की बारहदरी से शृृंगार के बाद दूल्हा बने श्रीराम, भ्राता लखन, भरत और शत्रुघ्न को आरती के बाद रथों पर विराजमान किया गया। सिर पर रत्न जड़ित मुकुट, सूर्य जैसा तेज, अधरों पर मनमोहक मुस्कान के लिए चारों भाइयों के दर्शन कर बारात में शामिल श्रद्धालु निहाल हो गए। पूरे यात्रा मार्ग में कई जगह-जगह पुष्प वर्षा और आरती कर बारात का स्वागत किया गया।
सोमवार को श्रीराम की बरात शाम करीब पांच बजे रावतपाड़ा प्रारंभ हुई। बरात में सबसे आगे रघुवंश की ध्वज पताका लिए अश्वारोही चल रहे थे। इसके बाद विघ्न विनाशक श्री गणेश जी की सवारी थी। इनके पीछे धार्मिक और सामाजिक संदेश देती हुई करीब 120 झांकियां चल रही थीं। करतब दिखाते अखाड़े और शहर के करीब 11 बैंड बरात में मधुर धुन बिखेर रहे थे। रात करीब साढ़े आठ बजे प्रभु राम और उनके तीनों भाइयों को शृृंगार के बाद बारहदरी में लाया गया। यहां चारों स्वरूपों की आरती जिलाधिकारी गौरव दयाल, एसएसपी डा. प्रीतिंदर सिंह, रक्षा संपदा अधिकारी अमित कुमार मिश्रा ने की। आरती के बाद चारों स्वरूप दिव्य रथों पर विराजमान हुए। इस तरह वर यात्रा जनकपुरी के लिए रवाना हुई। मीडिया प्रभारी राहुल गौतम ने बताया कि वर यात्रा सुबह नौ बजे बल्केश्वर में अग्रवन से प्रारंभ होगी। स्वागत के बाद पूरी जनकपुरी का भ्रमण करेगी।
हनुमान का रोड शो
राम बरात में इस बार हनुमान की मंडली का भी रोड शो हुआ। बाल हनुमान, किशोर हनुमान, युवा हनुमान और वृद्ध हनुमान गदा लिए नाचते हुए चल रहे थे। हनुमान के स्वरूपों के बड़े जत्थे को देखकर हर कोई आनंदित था। इसके साथ ही शिव-पार्वती की झांकी थी, जहां एक वाहन पर शिव और पार्वती नृत्य करते हुए चल रहे थे तो नीचे शिव के गण, भूत, पलीत भंग के नशे में मदमस्त नाच रहे थे। बृज की लीलाओं का प्रदर्शन भी बरात में हुआ। इसमें कलाकार बरसाने की होली, मयूर नृत्य करते चल रहे थे। होली खेलन आयो श्याम… बरसाने में आए जइयो बुलाई गई राधा प्यारी… आदि गीतों पर नृत्य कर रहे थे। हमेशा की तरह ढोल की थाप पर तलवारबाजी करते हुए अखाड़े भी चल रहे थेे। इसके अलावा यमुना बचाओ, बेटी बचाओ का संदेश देते हुई भी कई झांकियां शामिल थीं।
रत्न जड़ित मुकुट किए धारण
शृृंगार प्रभारी रवि गोस्वामी व मुकेश अग्रवाल ने बताया मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और उनके भाई रत्न जड़ित मुकुट धारण कराए गए। राम के मुकुट में सूर्यवंश का प्रतीक सूर्य जगमगा रहा था। मुकुटों में इलेक्ट्रिक वर्क किया गया था। लक्ष्मण शेषावतार होने के कारण उनके मुकुट पर शेषनाग विराजमान थे। भ्राता भरत तथा भ्राता शत्रुघ्न जी के मुकुटों में कमल अपनी अनोखी आभा लिए थे। चारों मुकुटों में हीरा, पन्ना, मोती, माणिक आदि रत्न जड़े थे। राजघरानों से आई कलंगी लगाई गई थीं।
राम बरात का रूट
राम बरात अपने परंपरागत मार्ग रावतपाड़ा से प्रारंभ होकर, जौहरी बाजार, दरेसी, कचहरी घाट, बेलनगंज, पथवारी, धूलियागंज, घटिया, फुलट्टी, फव्वारा होते हुए पुन: रावतपाड़ा से 27 सितंबर की सुबह जनकपुरी बने बल्केश्वर पहुंचेगी।
रामलीला में आज
मंगलवार (27 सितम्बर) को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की वर यात्रा बल्केश्वर में अग्रवन से सुबह नौ बजे बजे प्रारंभ होगी जो कि समस्त जनकपुरी क्षेत्र का भ्रमण कर डा. सुदर्शन सिंघल कोल्ड स्टोर पर समाप्त होगी।
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