पुणेलीक्स…Nadi Tarangani : वैद्य नाड़ी देकर बीमारी बता देते थे, खून और एमआरआइ जांच नहीं होती थी। देश में पहले
आयुर्वेदिक डिवाइस को मंजूरी मिल गई है जो नाड़ी को देखकर 10 पेज की रिपोर्ट देगी। ( Rs 55000 cost Nadi Tarangini give 10 page report of 20 Aayurvedic diagnosis)
पद्म भूषण पुरस्कार प्रो. जेबी जोश और आईआईटी मुंबई के डॉ. अनिरुद्ध जोशी ने नाड़ी तरंगिणी नाम का आयुर्वेदिक उपकरण बनाया है। पुणे के हिंजेवाड़ी की आत्रेय इनोवेशन्स कंपनी ने नाड़ी तरंगिणी तैयार किया, यह भारत का पला आयुर्वेदिक चिकित्सा उपकरण है जिसे सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन से मंजूरी मिल गई है।
एआई आधारित, 22 आयुर्वेदिक मानकों की रिपोर्ट
हाथ नाड़ी को उंगली से स्पर्श कर वैद्य कर बीमारी का पता लगाते थे, इसी पर काम किया गया है। एआई आधारित पल्स डायग्नोस्टिक उपकरण भी उसी तरह से हाथ की नाड़ी पर लगाया जाएगा। इसमें लगे अल्ट्रा सेंसिटिव सेंसर को अत्याधुनिक एल्गोरिदम के साथ जोड़ा गया है। इससे सटीक पल्स रीडिंग आती है और इसके आधर पर वात, पित्त, कफ, तनाव का स्तर और पाचन सहित 20 आयुर्वेदिक मानकों की 10 पेज की रिपोर्ट आ जाती है। इसके आधार पर इलाज किया जा सकता है। इसकी एक्यूरेसी 85 फीसद तक है और इस उपकरण से 10 भाषाओं में रिपोर्ट मिल जाती है।
55 हजार कीमत, 25 हजार की जांच
नाड़ी तरंगिणी की कीमत 55 हजार रुपये रखी गई है। इससे 25 हजार लोगों की जांच की चुकी है इसके बाद सीडीसीओ से अनुमति मिली है। कंपनी एक वर्ष में पांच हजार नाड़ी तरंगिणी की तैयार कर पाएगी।