आगरालीक्स…क्या देशी समोसे पर भारी पड़ रहे हैं चाइनीज मोमोज. बच्चे, युवा की पसंद बने मोमोज. अपनी राय दीजिए और जानिए मोमो का क्या अर्थ है और मोमोज की कहानी…
चल यार, मोमोज खाने चलते हैं…पापा आज शाम को मोमोज लेते हुए आना. ये फरमाइशें हैं आजकल के बच्चे और यूथ की. आगरा में मोमोज का टेस्ट लोगों की जुबान पर इतना चढ़ गया है कि कई तो ऐसे हैं जब तक उन्हें मोमोज खाने को न मिल जाएं, मजा ही नहीं आता. अधिकतर बच्चों का पसंदीदा मोमोज है. यूथ और इनमें भी खासकर लड़कियों को मोमोज सबसे ज्यादा अच्छे लगते हैं. आगरा में भी शायद ही ऐसी कोई जगह हो जहां मोमोज की 4—5 स्टॉल एक साथ न हो. सदर का फूड मार्केट हो या फिर कारगिल का, कमला नगर हो या फिर दयालबाग, बल्केश्वर हो या फिर मधुनगर…हर जगह आपको मोमोज के स्टॉल और रेस्टोरेंट दिखाई दे जाएंगे. यहां आपको एक से बढ़कर एक मोमोज परोसे जाते हैं. आगर के लोगों को तो फ्राई मोमोज भी ज्यादा पसंद हैं. वेज, नॉनवेज, पनीर और सोयाबीन के अलग—अलग टेस्ट में मोमोज हर जगह मिलते हैं.
क्या वाकई में समोसा पिछड़ रहा है
आगरा में सुबह का नाश्ता बेडई और कचौड़ी का होता है तो दिन में समोसे हर हलवाई की दुकान पर आपको मिल जाएंगे. लेकिन शाम होने के बाद न तो हलबाई की दुकान पर आपको समोसे दिखाई देंगे और न ही बेडई कचौड़ी. आजकल के बच्चे और यूथ भी समोसे को इग्नोर कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें समोसे से ज्यादा मोमोज टेस्टी लगते हैं.
मोमो का अर्थ
मोमोज चाइनीज डिश है. मोमो वैसे तो तिब्बत और नेपाल की एक बेहद ही मशहूर पारंपरिक डिश है लेकिन अब यह पूरे देश में फेमस हो गई है. मोमो एक चाइनीज शब्द है जिसका मतलब है भाप की पकी हुई रोटी. दरअसल मोमोम अरुणाचल प्रदेश के मोनपा और शेरदुकपेन जनजाति के खानपान का एक अहम हिस्सा है. यह जगह तिब्बत बार्डर से बिल्कुल लगी हुई है. इस जगह पर मोमोज को पोर्क और सरसों की पत्तियों व अन्य हरी सब्जियों की फिलिंग से तैयार किया जाता है.
ऐसे आया भारत में मोमोज
एक चीनी समुदाय मोमोज को भारत के शिलॉन्ग लेकर आया था. वह लोग चीन से आकर यहां बस गए थे. फिर इसी समुदाय ने चाइनीज फूड के ट्रेंड की शुरुआत की जिसमें खासतौर पर मोमो को शामिल किया गया था. मोमोज को तैयार होने के बाद इसे तीखी मिर्च के साथ सर्व किया जाता है. हालांकि आज देशभर की हर गली—शहर में आपको मोमोज आसानी से मिल जाएंगे. अब तो इसे घर पर भी बड़ी आसानी से बनाया जा रहा है. अरुणाचल प्रदेश से लगे कुछ खास जनजातियों के लोगों का भी यह काफी प्रिय भोजन है.
मोमोज के नए रूप
आज के समय में मोमोज को कई नए रूप में दे दिए गए हैं जो लोगों को पसंद आ रहे हैं. मोमोल को तल कर और भून कर खाने के अलावा अब तंदूरी मोमोज भी बनाए जा रहे हैं. यह खाने में काफी लजीज लगते हैं. आजकल तो चॉकलेट मोमोज भी बाजार में उपलब्ध हैं.