New toll rates released for Agra-Lucknow, Purvanchal and Bundelkhand Expressway,
School closed til 11 April: Read-what did school administrator say on the government’s decision# agranews
आगरालीक्स…आगरा में 11 अप्रैल तक स्कूल बंद. स्कूल संचालक बोले—सरकार का निर्णय छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर..आनलाइन/आफलाइन पढ़ाई के अलावा शिक्षकों के लिए की ये जरूरी मांग.
सरकार ने सोच समझकर लिया निर्णय
आगरा सहित पूरे प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर प्रदेश सरकार ने कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल 11 अप्रैल तक बंद रखने के निर्देश शुक्रवार को जारी किए हैं. इससे पहले सरकार द्वारा पहले 31 मार्च और फिर बाद में 4 अप्रैल तक कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए स्कूल बंद करने के निर्देश दिए जा चुके थे. आगरा में भी कोरोना की रफ्तार तीन गुना तक बढ़ गई है. ऐसे में सरकार द्वारा स्कूलों को 11 अप्रैल तक बंद किए जाने के निर्णय पर स्कूल संचालकों ने भी अपनी राय दी है. इस संबंध में अप्सा (असोसिएशन ऑफ प्रोग्रेसिव स्कूल्स ऑफ आगरा) के अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इससे पूर्व भी 23 मार्च को भी कक्षा एक से आठ तक के लिए विद्यालय 31 मार्च तक बंदआदेश जारी किए थे. आज पुनः नया आदेश जारी किया गया है, जिसमें विद्यालयों को 4 अप्रैल से 11 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को ध्यान में रखते हुए बहुत सोच समझकर लिया होगा. छात्रों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिए गए इस निर्णय में अप्सा हमेशा सरकार का अनुमोदन करती है.
शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों का कराया जाए वैक्सीनेशन
अप्सा अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने सरकार से यह भी माँग की कि विद्यालयों में कार्यरत 45 वर्ष से कम आयु वाले भी सभी शैक्षणिक तथा सहायक कर्मचारियों को कोरोना का वैक्सीनेशन कराया जाए क्योंकि विद्यालयों से जुड़े सभी लोग भी एक प्रकार से कोरोना वारियर्स ही हैं। ऐसा होने पर अभिभावकों में सुरक्षा और विश्वास का भाव बढ़ेगा। इस दिशा में प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल ने पहल करते हुए अपने 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी सदस्यों का टीकाकरण 3 अप्रैल को पारीख अस्पताल में करवाने का निर्णय लिया है.
आनलाइन व आफलाइन शिक्षण की मिले अनुमति
इसके साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को सप्ताह में तीन दिन विद्यालय आने की अनुमति प्रदान की जाए, जिससे छात्रों के अंदर कुंठा विकसित नहीं हो. हम सभी इस बात से सहमत होंगे कि हमारे देश में आज भी ऐसे बच्चे हैं, जिनके पास ऑनलाइन शिक्षण के लिए आवश्यक स्मार्टफोन, लैपटॉप, कंप्यूटर जैसी सुविधाएँ नहीं हैं. डॉ. गुप्ता ने यह भी कहा कि सरकार को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही माध्यम से शिक्षण की अनुमति प्रदान करनी चाहिए क्योंकि विद्यालय न जाने की स्थिति में बच्चों की दिनचर्या पूरी तरह से अव्यवस्थित हो जाती है. उनका अध्ययन और क्रियाकलाप सभी कुछ प्रभावित होता है.