Shardiya Navratri 2024: How to establish Kalash during Navratri? Know the auspicious time and rules
आगरालीक्स…शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से. नवरात्रि में कैसे करें कलश स्थापना? जानें शुभ मुहूर्त और नियम..
नवरात्रि त्योहार का हिंदू धर्म में काफी महत्व है. ये त्योहार देश के कोने-कोने में मनाया जाता है. इस पर्व में पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दौरान लोग 9 दिनों तक उपवास भी रखते हैं. नवरात्रि में नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन ही कलश स्थापना की जाती है. आइए जानते हैं कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और इससे जुड़े कुछ नियम
विश्वप्रसिद्ध चौघड़िया मुहूर्त अनुसार (घट)कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
शरद नवरात्रि गुरूवार, 03 अक्टूबर 2024 से शुरू होंगी और इसी दिन घट (कलश )की स्थापना की जाएगी. मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए कलश की स्थापना हमेशा उचित मुहूर्त में ही करनी चाहिए. इस बार नवरात्रि पर कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06बजकर 35 मिनट से लेकर सुबह 8:05 तक शुभ का चौघड़िया मुहूर्त रहेगा इसमें नौकरी पैसा लोगो और सन्यासी लोगों के घट स्थापना हेतु यह समय अत्यंत शुभ माना जाएगा इसके बाद अभिजीत मुहूर्त काल में सर्वश्रेष्ठ समय इस दिन का सुबह 10: 46 से दोपहर 1: 46 तक चर लाभ और अमृत के तीन अत्यंत शुभ मुहूर्त उपलब्ध रहेंगे यह घटस्थापना पूजा पाठ के लिए बहुत अच्छा समय होगा इसमें घरेलू व्यापारी लोग और पढ़ने वाले बच्चे पूजा करके लाभ उठा सकते हैं, और जिन कन्याओं की विवाह शादी में कोई अड़चन या रुकावट आरही हैया संतान बाधा या संतान होने में कोई रुकावट है वह भी इससमय मै पूजा करके लाभ उठा सकते हैं इसमें व्यापारी ,कल कारखाने शिक्षा क्षेत्र से जुड़े हुए लोग एवं ग्रहस्थ व्यक्तियों के लिए घट स्थापना का अति उत्तम शुभ मुहूर्त है इस समय में घट स्थापना करने से पूजा पाठ करने से हर प्रकार की खुशहाली सुख समृद्धि व्यक्तियों को प्राप्त होगी
नवरात्रि में ऐसे करें कलश स्थापना
नवरात्रि में नौ दिनों तक देवी मां की आराधना करने से मां अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है. घट स्थापना का मतलब है कलश की स्थापना करना
कलश स्थापना करते समय नदी की रेत का उपयोग करें. इस रेत में जौ भी डालें. इसके बाद कलश में गंगाजल, लौंग, इलायची, पान, सुपारी, रोली, कलावा, चंदन, अक्षत, हल्दी, रुपया, पुष्पादि डालें. फिर ‘ॐ भूम्यै नमः’ कहते हुए कलश को सात अनाजों के साथ रेत के ऊपर स्थापित करें. कलश की जगह पर नौ दिन तक अखंड दीप जलते रहना चाहिए
कलश स्थापना से जुड़े खास नियम
कलश स्थापना हमेशा शुभ मुहूर्त में करें
कलश स्थापना करने के लिए पूजन स्थल से अलग एक पाटे पर लाल व सफेद कपड़ा बिछाएं. इस पर अक्षत से अष्टदल बनाकर इस पर जल से भरा कलश स्थापित करें
कलश का मुंह खुला ना रखें, उसे किसी चीज से ढक देना चाहिए. कलश को किसी ढक्कन से ढका है, तो उसे चावलों से भर दें और उसके बीचों-बीच एक नारियल भी रखें
अगर कलश की स्थापना कर रहे हैं, तो दोनों समय मंत्रों का जाप करें, चालीसा या सप्तशती का पाठ करना चाहिए
पूजा करने के बाद मां को दोनों समय भोग लगाएं, सबसे सरल और उत्तम भोग हैं लौंग और बताशा
मां के लिए लाल फूल सर्वोत्तम होता है, पर मां को आक, मदार, दूब और तुलसी बिल्कुल ना चढ़ाएं
नवरात्रि के दौरान पूरे नौ दिन तक अपना खान-पान और आहार सात्विक रखें
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार वाले पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,7500048250