आगरालीक्स(15th September 2021)… आज इंजीनियर्स डे है. जानिए रेलगाड़ी का वो किस्सा, जिसके बाद विश्वेश्वरय्या की प्रतिभा अंग्रेजों ने भी पहचानी और भारतीय इंजीनियरों की विदेशों में धाक बनी.
सोशल मीडिया पर सुबह से ही हो रहा ट्रेंड
आज इंजीनियर्स डे है. सोशल मीडिया पर सुबह से ही #EngineersDay ट्रेंड हो रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने इंजीनियर्स डे पर सर विश्वेश्वरय्या को याद किया है। उन्होंने ट्वीट भी किया है। विश्वेश्वरय्या का पूरा नाम मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या था। आज 15 सितंबर को इंजीनियर्स डे उन्हीं को याद करते हुए मनाया जाता है। उन्होंने मैसूर के लिए कई काम किए हैं। मैसूर का वृंदावन गार्डन उन्हीं ने बनवाया था। उनके बारे में एक घटना काफी मशहूर है।
इस वजह से भारतीय प्रतिभा का लोहा माना
विश्वेश्वरय्या के बारे में एक किस्सा काफी प्रसिद्ध है। यह ब्रिटिश काल की बात है। उन दिनों भारत में एक रेलगाड़ी में कई अंग्रेज सवार थे। उस डिब्बे में एक भारतीय यात्री सादे कपड़ों में गंभीर मुद्रा में बैठा था। रेलगाड़ी चलती जा रही थी।
अंग्रेज उस भारतीय यात्री को मूर्ख समझ रहे थे। उसका मजाक उड़ा रहे थे। लेकिन वह भारतीय यात्री हर बात से बेपरवाह बैठा था। इसके कुछ समय बाद वह भारतीय यात्री अचानक उठता है और सीधे रेलगाड़ी की जंजीर खींच देता है।
ये देख अंग्रेज उसे पागल समझते हैं। उसको भला बुरा कहते हैं। इसी बीच तेज रफ्तार रेलगाड़ी रुक जाती है। कुछ ही पलों में गार्ड वहां आ जाता है। पूछता है कि जंजीर किसने खींची।
तब वह भारतीय यात्री बोलता है कि मैंने खींची है। कारण पूछने पर वह बताता है, शायद कुछ ही दूरी पर रेली की पटरी उखड़ी हुई है। अब गार्ड भी स्तब्ध रह जाता है। वह पूछता है कि आपको कैसे पता चला।
तब वह भारतीय यात्री बोलता है कि रेलगाड़ी की स्वाभाविक गति में अंतर आया है और आवाज से मुझे खतरे का आभास हो रहा है। इसके बाद गार्ड और वह रेलगाड़ी से उतरे। थोड़ा आगे गए तो दंग रह गए। रेल की पटरी के जोड़ खुले हुए थे। नट बोल्ट बिखरे पड़े थे। तब अंग्रेजों ने उनकी प्रतिभा को पहचाना। उन्हें कई योजनाओं में शामिल किया।
बैंक आफ मैसूर खुलवाया
उन्होंने बैंक आॅफ मैसूर खुलवाया था। इससे मिलने वाले रुपयों का उपयोग उद्योग धंधों को बढ़ाने के लिए किया।