आरक्षण का फॉर्मूला
चक्रानुक्रम व्यवस्था : इसमें 1995 से 2010 तक के आरक्षण को देखा गया है। चक्र इस तरह से चलेगा कि इन 15 सालों में हुए चार चुनाव में जो सीट जिस वर्ग के लिए आरक्षित रह चुकी है, इस बार उसके लिए नहीं होगी। जो सीट अनारक्षित रही हैं,वे इस बार आरक्षित होंगी। जो एससी में रही हैं, वो ओबीसी या सामान्य में जाएंगी। इसी तरह जो ओबीसी रही हैं, वे एससी या सामान्य हो जाएगी। जो महिलाओं के लिए आरक्षित थी, वे सामान्य में जा सकती हैं।
आरोही क्रम में आरक्षण : इसका मतलब है, ऊपर से नीचे की तरफ। ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधान की जिन सीटों पर एससी या ओबीसी की आबादी सबसे ज्यादा है, वे पहले आरक्षित की जाएगी। इसके बाद इनसे कम वाली का नंबर आएगा। जहां कम आबादी है, उनका नंबर सबसे आखिर में आएगी। इसी के चलते 22 फीसदी सीटों का आरक्षण वर्ग बदलने जा रहा है।
12 सिंतबर को जारी होगी अधिसूचना
पंचायत एवं स्थानीय निकाय विभाग के सूत्रों का कहना है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए 12 सितंबर को अधिसूचना जारी हो सकती है। इसी के साथ प्रधानों के खाते सीज कर दिए जाएंगे।
एमएलसी का करेंगे चुनाव
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तुरंत बाद स्थानीय निकाय सीटों पर विधान परिषद चुनाव होने हैं। इसमें पंचायत प्रतिनिधियों को भी वोट डालने का मौका मिलेगा। यह वोट बेहद कीमती होती है। उम्मीदवार एक एक वोट के लिए वोटरों को मनाते हैं।
जिले में कुल ब्लाक खंड 15
पंचायत चुनाव 2010 में मतदाता1735297
लोकसभा चुनाव 2014 में मतदाता1673128
पंचायत चुनाव 2014 में मतदाता1880364
लोस,पंचायत के मतदाताओं का अंतर 207236
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