UTI increases in woman says Dr MS Agarwal in Club 35 plus workshop in Agra
आगरालीक्स ….यूटीआई इनफेक्शन महिलाओं में आम समस्या है। लेकिन यह समस्या यदि गर्भावस्था के दौरान हो जाए तो गर्भपात का कारण बन सकती है। क्योंकि गर्भावस्था के कारण कई ऐसी दवाएं विशेषकर एंटीबायटिक हैं जो इस इनफेक्शन को ठीक करने के लिए जरूरी हैं, लेकिन गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य की वजह दी नहीं जा सकती। इसलिए इस समस्या को छिपाएं नहीं। इससे बचाव के लिए साफ सफाई के साथ खूब पानी भी पीएं। पानी की कमी से भी यह इनफेक्शन हो सकता है।
महिलाओं में प्रसव के बाद खांसने और छींकने पर पेशाब निकल जाने की समस्या बढ रही है। मगर, संकोच के कारण वे इसे बताती नहीं हैं। इस तरह यूरिनरी ट्रेक इन्फेक्शन (यूटीआई) भी महिलाओं में बढे हैं। इससे कैसे बचा जाए, इन बीमारियों के अत्याधुनिक इलाज पर वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट डॉ मधुसुदन अग्रवाल ने क्लब 35 की सदस्याओं को जागरूक किया। गुरुवार को होटल पीएल पैलेस, संजय प्लेस में आयोजित कार्यक्रम में महिलाओं के सवालों के जवाब दिए।
डॉ मधुसुदन शर्मा ने बताया कि महिलाओ में प्रसव के बाद 79 फीसदी मामलों में पेशाब पर नियंत्रण खत्म हो जाता है। जिसकी वजह पेलविक (बच्चेदानी के नीचे का हिस्सा) की मांसपेशियों का ढीला होना होता है, ऐसे अधिकांश मामलों में महिलाओं को छींक के साथ पेशाब रिसने की समस्या होती है। महिलाओं में इससे बैक्टीरिया के लिए वहां पहुंचना आसान होता है।
इस मौके पर मौजूद स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेन्द्र मल्होत्रा ने महिलाओं के डायबिटीज, हर्पीज, सर्वाइकल कैंसर, टार्च इनपेक्शन, हिपेटाइटिस आदि से जुड़े सवालों के जवाव दिए। संचालन क्लब की को-ऑर्डिनेटर आशू मित्तल व डॉ. मनोज आरती ने किया। इस मौके पर सुधा कपूर, रेनू मगन, मयूरी मित्तल, बेला मित्तल, शशि गर्ग, मीनाक्षी मोहन आदि मौजूद थीं।
स्वच्छता का ध्यान रखना है जरूरी
अपने जीवन में 20-30 फीसदी महिलाएं कभी न कभी यूटीआई (यूरिनरी ट्रेक इनफेक्शन) से जरूर पीढ़ित होती हैं। इनमें से 50 पीसदी महिलाओं को यह यूटीआई की समस्या बार-बार होती है। देर से पता चलने पर संक्रमण बढ चुका होता है। महिलाओं का यूरिन पास न कर पाना, रुक-रुक कर पेशाब आना, खांसने पर भी यूरिन निकल जाना या फिर यूरिन के रास्ते जलन आदि की समस्या यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेशन) के लक्षण से हो सकती है।
ये भी जानें
– पेशाब बार-बार रोकने से ब्लेडर की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, यह पेशाब की करने की क्षमता को भी कम करता है।
-दिन में इतना पानी पीना चाहिए जिससे दो से ढाई लीटर पेशाब आ सके।
-प्रत्येक एक मिनट में 2 एमएल यूरिन किडनी से यूरिनरी ब्लेडर में पहुंचता है।
– यूरिनरी ब्लेडर में 250 एमएल यूरिन एकत्र होने पर लघु शंका का अनुभव होता है।
– ब्लेडर भरने के बाद यदि उसे रोका गया तो इसका रिटेंशन शुरू होता है, यानि यूरिन वापस किडनी में जाने लगता है।