आगरालीक्स…(1 December 2021 Agra News) आगरा में विश्व एड्स दिवस पर बताया कि इसका डर दिमाग में बैठ जाता है लेकिन अब तकनीक बदल गई है, इलाज के बाद समस्याओं से मिल सकता है छुटकारा
एड्स के बारे में मिथ्यों और भ्रांतियों पर वार
विश्व एड्स दिवस यानि एक दिसंबर को फेडरेशन आफ आब्सटेट्रिकल एंड गायनेकोलाॅजिकल सोसायटी आफ इंडिया (फाॅग्सी) की एचआईवी एड्स कमेटी और सैक्सुअल मेडिसिन कमेटी की ओर से आम जन को शिक्षित करने के उद्देश्य से एक जन जागरण कार्यक्रम राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित की गई। इसमें आगरा के भी तमाम स्त्री रोग विशेषज्ञ शामिल हुए। आगरा कीं वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं फोग्सी की पूर्व अध्यक्ष डॉ जयदीप मल्होत्रा ने कहा कि एड्स के रोगियों को केवल शारीरिक बीमारी से ही नहीं लड़ना होता बल्कि इसे लेकर समाज में फैली गलत जानकारियों को लेकर सामाजिक लड़ाई भी लड़नी पड़ती है।
एड्स और सेक्स से जुड़े अंधविश्वास पर रखे विचार
मुख्य अतिथि उप निदेशक नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गनाइजेशन डा. शोविनी राजन थीं। आनलाइन हुए इस सेमिनार में एचआईवी एड्स और सेक्स से जुडे़ अंधविश्वास, अवैज्ञानिक अवधारणाओं के निवारण और स्वस्थ सेक्स जीवन के बारे में विभिन्न राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं ने विचार रखे। सर्वप्रथम फाॅग्सी कीं अध्यक्ष डा. शांता कुमारी ने बताया कि फाॅग्सी देश में स्त्री रोग विशेषज्ञों का सबसे बड़ा संगठन है। एचआईवी एड्स के बारे में समाज में बडे़ स्तर पर जागरूकता लाने के मकसद से यह सेमिनार आयोजित की गई है। फॉग्सी के पूर्व अध्यक्ष डॉ नरेंद्र मल्होत्रा ने बताया कि यौन सम्बन्ध बनाते समय दर्द या तकलीफ ज्यादातर मानसिक स्थिति से जुड़ा होता है। लेकिन 60 प्रतिशत महिलाओं और 40 प्रतिशत पुरुषों में यह कुछ समस्याओं जैसे जननांगों के संक्रमण जैसे कारण शामिल हैं। कई बार इस मामले में एक डर भी दिमाग में बैठ जाता है। लेकिन अब तकनीक बदल गई है। फेमिलिफ्ट जैसी आधुनिक तकनीकें हैं जिनसे इलाज के बाद इन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।

इन्होंने बताई कई महत्वपूर्ण जानकारियां
‘आओ चलें एचआईवी मुक्त भारत और जिम्मेदार यौन व्यवहार की ओर’ थीम पर आयोजित इस सेमिनार में फाॅग्सी कीं महासचिव डा. माधुरी पटेल, उपाध्यक्ष डा. अर्चना वर्मा, डा. बिपिन पंडित, चेयरमैन सैक्सुअल मेडिसिन डा. नीरज जादव, एचआईवी एंड एड्स कमेटी की चेयरपर्सन डा. अंजू सोनी आदि के साथ ही आगरा ऑब्स एंड गायनी सोसायटी की ओर से अध्यक्ष डॉ आरती मनोज, सचिव डॉ सविता त्यागी, डॉ नीहारिका मल्होत्रा, डॉ मनप्रीत शर्मा, डॉ शेमी बंसल, डॉ एलके शर्मा, डॉ राहुल, डॉ सरिता आदि ने भी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं।
एचआईवी एड्स और यौन जीवन के वैज्ञानिक पक्ष रखे
पहला व्याख्यान इच्छा और कामेच्छा को समझें विषय पर डा. मुर्गेश वैष्णव ने दिया। इसके चेयरपर्सन डा. अतुल मुंशी और डा. लीला व्यास थे। कामोत्तेजना के बारे में भ्रांतियों और उसकी सच्चाई विषय पर डा. राज ब्रह्मभट्ट ने व्याख्यान दिया। इसके चेयरपर्सन डा. कृष्णेंदु गुप्ता और डा. हारा पटनायक थे। पेनफुल सैक्स समस्याओं का समाधान विषय पर डा. नरेंद्र मल्होत्रा ने व्याख्यान दिया। इसके चेयरपर्सन डा. पीके शाह और डा. विद्या पंचोलिया थे। योन शिक्षा की ओर विषय पर डा. आनंद झावर ने व्याख्यान दिया। इसके चेयरपर्सन डा. मीरा अग्निहोत्री और डा. राजेंद्र परदेसी थे।
यौन संचारित रोगों सहित कई विषयों पर हुई परिचर्चा
इसके अलावा दो सत्रों में पैनल डिस्कशन हुए। पहले सत्र में एचआईवी एड्स को लेकर मिथक एवं भ्रांतियां विषय पर परिचर्चा हुई, जिसमें माॅडरेटर डा. अंजू सोनी और डा. अमेया पुरंदरे थी। पैनलिस्ट डा. ईश्वर गिलाडा, डा. सईद अली हब्बी, डा. साईशुभश्री और पूजा रहे। दूसरा पैनल डिस्कशन यौन संचारित रोगों की रोकथाम को लेकर हुआ। इसमें माॅडरेटर डां संपथ कुमारी और डा. लक्ष्मी श्रीखंडे थीं। पैनलिस्ट डा. रोजा उलई, डा. रागिनी अग्रवाल, डा. सरिता भालेराव, डा. पराग बीनीवाले, डा. गिरजा बग, डा. रेखा भारती थे।