
समाचार पत्र ‘डेली मेली’ के मुताबिक, इन नौ महीनों का हर दिन उस किशोरी के लिए जिंदगी और मौत में से एक को चुनना था। आइएस लड़ाकों और उनके अंगरक्षकों के दल की यौन इच्छाओं की तृप्ति नहीं करने पर उसे गहन यातनाओं से गुजरना पड़ता था।
अपनी आपबीती में किशोरी ने बताया कि आइएस दुष्कर्मियों की यौन मांगों को पूरा नहीं कर पाने पर उसकी चाबुक से पिटाई की जाती थी और जांघ पर खौलता पानी डालकर यातनाएं दी जाती थीं। यजीदी किशोरी के मुताबिक, कुंवारी लड़कियों की नीलामी हुई थी, जिसमें उसे और उसकी बहन को बेच दिया गया था। उन्हें आइएस ने खरीदा था, जिसके बाद आइएस के लड़ाके हर दिन उनके साथ दुष्कर्म करते थे। यह किशोरी अब तीन महीने की गर्भवती है।
इस किशोरी को मूल रूप से चेचेन्या के अल-रसिया ने खरीदा था। कुर्दिश सैनिकों के साथ लड़ाई में अल-रसिया और उसके अंगरक्षकों की मौत हो गई थी। यह खबर मिलते ही यह किशोरी अन्य लड़कियों के साथ भागने में सफल रही।
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