उत्तरी गुजरात के अपने गांव ब्रह्मवा़़डी में जसोदाबेन ने बीबीसी से कहा, ‘मुझे पता है कि जब ओबामा का स्वागत हो रहा था तब मुझे भी दिल्ली में होना चाहिए था, लेकिन साहेब ऐसा नहीं चाहते। इससे मुझे कोई फर्क नहीं प़़डता।’ जसोदाबेन ने कहा, ‘अगर वह मुझे आज बुलाएंगे तो मैं कल पहुंच जाऊंगी। मैं बिना बुलाए कभी नहीं जाऊंगी। उन्हें मुझे बुलाना होगा। मेरा आत्मसम्मान है जिससे मैं पीछे नहीं हटूंगी। हम दोनों के बीच हैसियत की कोई बात नहीं है, हम दोनों इंसान हैं।’
जसोदाबेन ने कहा, ‘मैं आभारी हूं कि उन्होंने पिछले साल मुझे अपनी पत्नी माना। मैं सरकार से मांग करती हूं कि वह मुझे हक दें जिसकी मैं हकदार हूं। मैं जानती हूं कि उन्होंने देश के लिए अपने वैवाहिक जीवन का त्याग किया। अगर मैं उनके साथ होती तो वह शायद इतना कुछ नहीं कर पाते। मेरे मन में कोई क़़डवाहट नहीं है।’ जसोदाबेन ने कहा, ‘जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने स्वीकार नहीं किया मैं उनकी पत्नी हूं। मैं जब कहती थी कि मोदी की पत्नी हूं तो भाजपा के लोग मुझे झूठा बताते थे।’
जसोदाबेन की शादी नरेंद्र मोदी से 17 साल की उम्र में 1968 में हुई थी। उन्होंने बताया, ‘शादी के बाद वे मेरे साथ कुछ महीनों तक रहे। वह सुबह आठ बजे चले जाते थे और देर शाम घर आते थे। एक बार वह गए तो फिर नहीं आए। मैं ससुराल में तीन साल तक रही जिसके बाद मुझे लगा कि अब वह मेरे पास नहीं आएंगे। फिर मैं प़़ढाई करके टीचर बन गई।’
मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद गुजरात सरकार ने उनके घर के बाहर चार कमांडो तैनात किए हैं। वे साये की तरह उनके साथ चलते हैं। यहां तक कि हाल ही में उनके साथ वह मुंबई भी गए थे। जसोदाबेन ने सूचना के अधिकार के तहत दो बार आवेदन किया है कि उन्हें इस सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी दी जाए। लेकिन उन्हें जानकारी नहीं दी गई कि वह गोपनीय है।
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