आगरालीक्स एडीटर डेस्क….. जाति न पूछो साधू की, जब आज का युवा इसी सोच को लेकर आगे बढ रहा है तब केंद्र सरकार ने धर्म आधारित जनगणना 2011 के आंकडे सार्वजनिक किए हैं। ये आंकडे ऐसे समय पर जारी किए गए हैं जब जातिगत वोट बैंक की राजनीति वाले बडे राज्य बिहार में विधान सभा चुनाव होने जा रहे हैं। ये आंकडे बिहार के राजनीतिक समीकरण को बदल सकते हैं। एक सवाल यह भी है कि जब लोगों का धर्म बताया जा सकता है तो जाति छिपाने का क्या मतलब है, यह भी चुनावी गणित के लिए उठाया गया कदम तो नहीं है, वैसे भी बिहार के बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। यहां जातिगत वोट बैंक से ही सपा बसपा अपनी सरकार बनाती आई हैं, भाजपा के लिए धर्म के नाम पर वोट बैंक तैयार करने बडी चुनौती बना हुआ है।
आंकडों के मुताबिक, देश की आबादी 121 09 करोड है, 2001 से 2011 के बीच हिंदू आबादी 17 7 और मुस्लिम आबाजी 24 6 फीसद बढी है। जबकि सिखों की आबादी 0 2 और बौदृधों की 0 1 पफीसद कम हुइै है, जैन और ईसाईयों की भागेदारी में कोई बदलाव नहीं आया है।
ये आंकडे देश को किस तरपफ ले जाते हैं, इससे राजनीतिक गलियारों में क्या बदलाव आएगा, देश के विकास पर क्या असर पडेगा, वैश्विक स्तर पर भारत की इमेज कैसी होगी, इस तरह के तमाम सवाल हैं, जिनका जवाब आने वाले समय में दिखाई देगा।
संपादक
योगेंद्र दुबे,
agraleaks@gmail.com
( http://agraleaks.com/,आगरा, अलीगढ मंडल का न्यूज पोर्टल,)
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