सद्गुरु- तंत्र को ज्यादातर लोग या तो अंधविश्वास मानकर नकार देते हैं, या फिर कोई डरावनी चीज मानकर उससे दूर रहने की सलाह देते हैं। लेकिन यह एक विज्ञान है, जिसमें लोगों ने कल्पना के साथ काम करना शुरू किया और एक ऐसे स्तर तक किया कि आप चाहें तो एक पूरा संसार रच सकते हैं। आइए जानते हैं थोड़े विस्तार से इसके बारे में
तंत्र-योग कल्पना पर बहुत ज्यादा निर्भर करता है। इसमें कल्पना की एक बेहद व्यवस्थित प्रक्रिया का सहारा लिया जाता है। कल्पना को एक माध्यम में बदला जाता है जो आपके मौजूदा अस्तित्व की सीमाओं को खत्म कर देता है।
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