क्या होता है टेस्ट ट्यूब बेबी
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन आईवीएफ़ (IVF) प्रक्रिया की मदद से जन्म लेने वाले बच्चों के लिए एक आम बोलचाल का शब्द है टेस्ट ट्यूब बेबी। ओव्यूलेशन के दौरान स्त्री की ओवरी से सभी अंडाणु को ट्रांस वैजाइनल स्कैन की मदद से बाहर निकाल लिया जाता है। इन अंडाणुओं को प्रयोगशाला में पुरुष के शुक्राणुओं के साथ निषेचित कराया जाता है। इससे एम्ब्रियो तैयार हो जाते हैं, इन्हें टेस्ट टयूब में शरीर के तापमान पर ‘फोर सेल स्टेज’ तक पहुंचने तक करीब 48 घंटों तक रखा जाता है। फोर सेल स्टेज वाली एम्ब्रियो को स्त्री के गर्भाशय में योनि के रास्ते पहुंचा दिया जाता है। ये सामान्य गर्भस्थ शिशु की तरह ही महिला के गर्भ में नौ महीने तक रहते हैं।
37 साल का हुआ पहला टेस्ट टयूब बेबी
प्रथम सफल ‘’टेस्ट ट्यूब बेबी’’, लुइस ब्राउन का जन्म 1978 में हुआ था। इससे पहले ऑस्ट्रलियन फ़ॉक्सटन स्कूल के शोधकर्ताओं ने 1973 में एक अस्थायी जैव-रासायनिक गर्भाधान की और 1976 में स्टेप्टो और एडवर्ड्स ने एक बहिगर्भाशयिक गर्भाधान की घोषणा की थी।
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