लगभग यही स्थिति मलपुरा के गांव सलेमाबाद निवासी 60 वर्षीय किसान भूमिजीत की थी। परिजनों के मुताबिक, उनके पास साढ़े चार बीघा जमीन थी और कुछ खेत भेज पर भी लिया था। ढाई बीघा खेत में गेहूं और बाकी में आलू की पैदावार की थी। ढाई बीघा जमीन में मात्र तीन-चार कट्टा गेहूं ही निकला था। इससे न लागत निकल रही थी और ना ही भेज का रुपया। बताया गया है कि कुछ दिन से बहुत परेशान थे और रोते रहते थे। बुधवार सुबह घर से शौच को निकले तो वापस नहीं आए। ग्रामीणों ने सूचना दी तो परिजन पहुंचे। पता चला कि हृदयाघात से उनकी मौत हो गई।
लेखपाल ने गांव पहुंच कर स्थिति देखी और फिर एडीएम प्रशासन हरनाम सिंह और एसडीएम सदर ए. दिनेश कुमार भी गांव पहुंच गए। परिजनों का आरोप है कि अफसरों ने कह दिया था कि पोस्टमार्टम की जरूरत नहीं है। वह जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंप देंगे, जिसके आधार पर मुआवजा मिल जाएगा। वहीं, एडीएम प्रशासन का कहना है कि वह करीब 12 बजे गांव पहुंचे थे, तब तक परिजन भूमिजीत का अंतिम संस्कार कर चुके थे।
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