Mathura News : Two Devotees died during Radhaashtami celebration in
21 framers deaths reported in Agra
आगरालीक्स..आगरा में आसमान से बरशी आफत के बाद 21 किसानों की मौत हो चुकी है. आगरा के एत्मादपुर मदरा के 72 वर्षीय किसान बदन सिंह ने 18 बीघा खेत में गेहूं की फसल बोई थी। परिजनों के मुताबिक, पिछले दिनों आई बारिश, ओलावृष्टि और आंधी से फसल खेतों में लेट गई थी। बदन सिंह तभी से परेशान थे। फिर भी थोड़ी सी उम्मीद के साथ मजदूर लगाकर खेतों की कटाई शुरू की। खेत में लगे ट्यूबवेल पर ही अपना ठिकाना बना लिया था। कटी पड़ी बालियों को बार-बार रगड़-रगड़ कर देखते। उनमें दाना नहीं निकल रहा था। हाथ में भूसा रह जाता, जबकि सिर पर बैंक से लिया गया 8.50 लाख रुपये का कर्ज था। बदन सिंह ने दो-तीन दिन से खाना-पीना भी छोड़ दिया था। मंगलवार रात को उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिससे उनकी मौत हो गई। किसी सरकारी प्रक्रिया से अनजान परिजनों ने प्रशासन को सूचना दिए बिना ही बुधवार सुबह उनका अंतिम संस्कार कर दिया।
लगभग यही स्थिति मलपुरा के गांव सलेमाबाद निवासी 60 वर्षीय किसान भूमिजीत की थी। परिजनों के मुताबिक, उनके पास साढ़े चार बीघा जमीन थी और कुछ खेत भेज पर भी लिया था। ढाई बीघा खेत में गेहूं और बाकी में आलू की पैदावार की थी। ढाई बीघा जमीन में मात्र तीन-चार कट्टा गेहूं ही निकला था। इससे न लागत निकल रही थी और ना ही भेज का रुपया। बताया गया है कि कुछ दिन से बहुत परेशान थे और रोते रहते थे। बुधवार सुबह घर से शौच को निकले तो वापस नहीं आए। ग्रामीणों ने सूचना दी तो परिजन पहुंचे। पता चला कि हृदयाघात से उनकी मौत हो गई।
लेखपाल ने गांव पहुंच कर स्थिति देखी और फिर एडीएम प्रशासन हरनाम सिंह और एसडीएम सदर ए. दिनेश कुमार भी गांव पहुंच गए। परिजनों का आरोप है कि अफसरों ने कह दिया था कि पोस्टमार्टम की जरूरत नहीं है। वह जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंप देंगे, जिसके आधार पर मुआवजा मिल जाएगा। वहीं, एडीएम प्रशासन का कहना है कि वह करीब 12 बजे गांव पहुंचे थे, तब तक परिजन भूमिजीत का अंतिम संस्कार कर चुके थे।