
बीजिंग में हारबिन मेडिकल यूनिवर्सिटी से जुड़े अस्पताल में इटली के सरजियो कानावेरो चीनी सर्जन रेन झियोपिंग के साथ मिलकर मानव सिर के प्रत्यारोपण का जटिल ऑपरेशन करेंगे। वे पहले रूसी कंप्यूटर वैज्ञानिक वैलेरी स्पिरिदोनोव के सिर की रक्त आपूर्ति रोकने के बाद उनके सिर को बर्फ से ठंडा करेंगे। ताकि मस्तिष्क जीवित बना रहे। हालांकि दोनों ही वैज्ञानिक मानते हैं कि इस ऑपरेशन में अभी भी कई दिक्कतें हैं। जैसे तंत्रिका तंत्र को जोडऩा, रक्त कोशिकाओं और रीढ़ की हड्डी के साथ खोपड़ी को इस तरह से लगाना कि शरीर दूसरे के सिर को अस्वीकार न करे। इन तकनीकी दिक्कतों के अलावा, इस दुर्लभ ऑपरेशन के लिए दोनों वैज्ञानिकों को विशेष उपकरण बनाने होंगे। रेन को उम्मीद है कि ऐसे प्रयोग से रीढ़ की हड्डी में चोट, कैंसर या मांसपेशीय दुर्विकास का भी इलाज भविष्य में संभव हो सकेगा।
कंप्यूटर वैज्ञानिक हैं शोध का सब्जेक्ट
इन दोनों वैज्ञानिकों ने तीस वर्षीय रूसी कंप्यूटर वैज्ञानिक वैलेरी स्पिरिदोनोव की पहचान की है जो मांसपेशीय दुर्विकास (मस्कुलर डायस्ट्रोफी) के मरीज हैं। वैलेरी ने कुछ माह पूर्व ही इस शोध का सब्जेक्ट बनने की इच्छा जताई थी।
चूहों पर आंशिक सफल प्रयोग
दुनिया में सिर का पहला प्रत्यारोपण 1970 में हुआ था। तब अमेरिका के न्यूरो सर्जन राबर्ट व्हाइट ने एक बंदर के सिर पर दूसरे बंदर का सिर प्रत्यारोपित किया था। लेकिन प्रत्यारोपण के कुछ ही दिनों के बाद बंदर की मौत हो गई थी। इसके बाद चीनी सर्जन रेन झियोपिंग ने 2013 में किसी और शरीर पर चूहे का सिर सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित करके तहलका मचा दिया था। तब से अब तक उनकी टीम चूहों पर एक हजार से अधिक सफल सिर प्रत्यारोपण कर चुकी है।
Leave a comment