आगरालीक्स…आगरा में फेंफड़ों, गुर्दों, खर्राटों व डायबिटीज पर देश के जाने माने चिकित्सकों ने दिए व्याख्यान. आईएसीएम की कांफ्रेंस में सिर दर्द के कारणों पर भी प्रकाश डाला
इन्डियन एसोसियेशन आफ कलीनिकल मेडीसिन यूपी चैप्टर व सेंट्रल जोन कान्फ्रेन्स के दूसरे दिन वैज्ञानिक सत्र में देश के जाने माने चिकित्सको ने व्याख्यान दिये. लखनऊ के डा० सूर्यकान्त त्रिपाठी ने भारत में 2025 तक टीबी मुक्ति के प्रधानमन्त्री के संकल्प को पूरा करने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इसके लिये ड्रग रजिस्टेन्ट मरीजों की पहचान व उनका सही उपचार जरूरी है। उन्होंने कहा कि मरीजों द्वारा के महिने से पहले दवाई छोड़ देने से एमडीआर टीबी के फैलने की सम्भावना रहती है। इसमें समाज मे जागरूकता फैलाना आवश्यक है। सरकार भी टीबी के मरीजों को प्रतिमाह अब 500 से बढ़ाकर 1000 रुपये खाते में भेज रही है। उन्होंने यह भी किया कि हर फेफड़े का धब्बा टीबी नहीं होता।
एम्स दिल्ली के डा. सुमित सिंह ने सिर दर्द के कारणों पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि सिर दर्द के सभी केस मरीजों में महंगी जाँची की आवश्यकता नही होती। इनमें हाई रिस्क मरीजों की पहचान कर उनका तुरन्त उपचार जरूरी है। न्यूरोफिजीशियन डॉ. एमी सिंह ने मूवमेंटके बारे में बताया। दिल्ली के गंगाराम हॉस्पिटल के विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल अरोडा ने खून की उल्टियां होने पर यह पता लगाना आवश्यक है कि खून फेफड़े से आ रहा है या पेट से। आजकल अधिकांश मरीजों में समय से एन्कोस्कोपी व दवाइयोंसे उपचार करने से सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती।
मैक्स हॉस्पिटल दिल्ली के डॉ. सुभाष चन्द्रा ने हार्ट फेल्योर में सीमाग्लुटाइड के लाभों के बारे में बताया। इंग्लैंड से आए डॉ. सुमित चंद्रा ने फेफड़े के कैंसर में लो डोज कन्ट्रास्ट सी द्वारा स्क्रीनिंग व शुरुआती स्टेज निदान पर जोर दिया। उन्होंने इम्यूनोथ्रेपी व जीन थ्रेपी के चमत्कारिक प्रभावों के बारे में बताया। उन्होंने धूम्रपान द्वारा फेफड़े में कैंसर होने पर चेतावनी दी। दिल्ली से डॉ. दीप्ति गोथी ने स्लीप एप्निया के कारण नींद में अत्यधिक खर्राटों के हृदय पर होने वाले दुष्प्रभावों पर व्याख्यान दिया। आईएलबीएस दिल्ली के डॉ. बीवी रेवाड़ी एड्स के इलाज में इंफेक्शन के इलाज की जानकारी दी। मैक्स हॉस्पिटल गाजियाबाद में डॉ. नीति अग्रवाल ने मधुमेह में नई दवाइयों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि दवाओं के चुनाव में सुगर के कंट्रोल के सथ किडनी व हार्ट का ध्यान रखनाभी जरूरी है।
डॉ. सुमित संग्ला ने गठिया पर वयाख्यान दिया। अपोलो हॉस्पिटल के डॉ. डीके अग्रवाल ने गुर्दे के बचाव के लिएबिना चिकित्सक की सलाह के दर्द की व अन्य दवाइयों के सेवन से बचाव की सलाह दी। गुर्दे की बीमारी के शुरुआत में ही विशेषज्ञ को दिखाने की सलाह दी।
पद्मश्री डॉ. डीके हाजरा ने जीवनशौली में बदलाव कर डायबिटीज से बचाव के बारे में बताया. डॉ. सुभाष चंद्रा आगरा ने कहा कि अचानक हृदयाघात में ईसीजी से पूर्वानुमान लगा सकते हैं। डाू. शुभम सिंघल व डॉ. विकास लूम्बा व डॉ. विकास सिगला ने भी व्याख्यान दिए।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. बीएन कौशल, डॉ. राजीव किशेर, डॉ. सुनील बंसल, डॉ. अश्वनी खन्ना व डॉ. पवन गुप्ता ने किया। कांफ्रेंस के आयेाजन सचिव डॉ. कैलाश विश्वानी ने विश्वास व्यक्त किया कि इस कांफ्रेंस का लाभ मरीजों को मिलेगा।