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Agra’s businessman dies of swine flu, 3 case reported

आगरालीक्स… आगरा के कारोबारी की स्वाइन फ्लू से मौत के बाद दहशत है, घटिया क्षेत्र के कारोबारी की दिल्ली में इलाज के दौरान मौत हो गई।
आगरा में स्वाइन फ्लू दस्तक दे चुका है, दो जुडवा बच्चों के बाद फर्नीचर कारोबारी स्वाइन फ्लू की चपेट में आ गया, उसका दो दिन तक आगरा के निजी अस्पताल में इलाज चला, इसके बाद दिल्ली रेफर कर दिया। गुरुवार सुबह दिल्ली में इलाज के दौरान मौत हो गई, सीएमओ डॉ मुकेश वत्स का कहना है कि कारोबारी के घर टीम भेजकर जांचक कराई जाएगी।
बच्चों के परिजनों में नहीं निकला स्वाइन फ्लू
26 सितंबर 2018 को आगरा में डेंगू के बाद स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है, जुडवा बेटे और बेटियों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है, इन्हें सांस लेने में तकलीफ होने के बाद एसएन की ओपीडी में दिखाया गया था। इनकी जांच में स्वाइन फ्लू एच 1 एन 1 पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। जुडवा बच्चों के साथ उनके परिजनों को स्वाइन फ्लू ना फैले, इसके ​लिए टेमीफ्लू दी गई है।
आगरा के सिटी स्टेशन रोड घटिया निवासी युवक के सवा साल के जुडवा बेटे और बेटी को सांस लेने में परेशानी हो रही थी, उसे बुखार भी था। एसएन में जुडवा बच्चों की स्वाइन फ्लू की जांच कराई गई, इसमें स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। सीएमओ डॉ मुकेश वत्स ने बताया कि जुडवा बच्चों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है, दोनों की बच्चे ठीक हैं, उनका घर पर इलाज चल रहा है। बच्चों के पांच ​परिजनों की जांच कराई गई थी, ये सभी स्वाइन फ्लू निगेटिव हैं।
पांच फीट तक बीमारी फैलने का खतरा
स्वाइन फ्लू का वायरस एच1एन1 मरीज के अंदर सात दिन तक असर दिखाता है। संक्रमित व्यक्ति के पांच फीट के दायरे में मरीज के मुंह और नाक की ड्रॉपलेट से स्वाइन फ्लू का वायरल फैलने का खतरा रहता है। इससे बचने के लिए मरीज को एन 95 व ट्रिपल लेबल का मास्क लगाना चाहिए। मरीज से हाथ न मिलाएं, हाथ को साबुन से अच्छी तरह से साफ कर लें।स्वाइन फ्लू – सर्दी जुकाम, तेज बुखार और सांस लेने में परेशानी।
स्वाइन फ्लू में ये है इलाज
स्वाइन फ्लू की कैटेगरी
ए मामूली खांसी-जुकाम बुखार – ऐसे केस में मरीज को टेमीफ्लू की जरूरत नहीं होती है।
बी 1 तेज बुखार, सर्दी जुकाम, टेमीफ्लू की जरूरत नहीं होती।
बी 2 खांसी जुकाम और तेज बुखार, टेमीफ्लू दी जाती है, लेकिन भर्ती करने की जरूरत नहीं है।
सी सांस लेने में तकलीफ, तेज बुखार, लिवर में समस्या सहित अन्य अंग ठीक से काम नहीं कर रहे हैं तो भर्ती किया जाता है।

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