A new ice age may come to Earth#agra news
आगरालीक़्स…. वैज्ञानिको के नये शोध में अंटार्कटिका की बर्फ की चट्टानों के पिघलने से नया हिमयुग आने का खतरा बढ़ा. ‘नेयर जर्नल’ प्रकाशन में दी हिमयुग की जानकारी…
पृथ्वी पर आ सकता है नया हिमयुग
ग्लोबल वार्मिंग से जूझ रही पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन से संकेत दिखने लगे हैं। वैज्ञानिकों के लिए सबसे बड़ी चिंता ध्रुवीय बर्फ का पिघलना है, जिससे समुद्र का जल स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। वैज्ञानिको के नये शोध से पता चला है अंटार्कटिका की बर्फ की चट्टानों के पिघलने से नया हिमयुग आने का खतरा बढ़ रहा है। यह हिमयुग नियमित हिमयुग से अलग होने वाला है। वैज्ञानिको के अनुसार महासागरों की इन प्रक्रियाओं के परिणाम स्वरूप पृथ्वी पर हिमयुग जैसे हालात बनने लगते हैं। कार्डिक विश्व यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर इयान हॉल के अनुसार इसके नतीजे अंटार्कटिका और पृथ्वी की सूर्य की कक्षा से संबंधित जलवायु सिस्टम के प्राकृतिक लय के प्रति दक्षिणी महासागर के प्रतिक्रिया में सबंध स्थापित करते हैं।
‘नेयर जर्नल’ में प्रकाशित इस शोध में यह समझने का प्रयास किया गया है कि पृथ्वी पर हिमयुग की शुरूआत कैसे होती है। हिमयुग चक्र के बारे में अभी तक यह माना जाता रहा है कि इनमे परिवर्तन पृथ्वी के सूर्य का चक्कर लगाने वाली कक्षा में हजारों सालों में आने वाले बदलाव की वजह से आते हैं। इन बदलाव से पृथ्वी पर सूर्य की ऊर्जा पहुंचने की यात्रा में बदलाव आता है।
क्या है हिमयुग
जब वैश्विक तापमाम थोड़ा ठंड़ा होता है और पृथ्वी का बहुत सारा हिस्सा ग्लेशिया और बर्फ की चादर से ढक जाता है। तब उसे हिमयुग कहते है। अब तक पृथ्वी के इतिहास में पांच बड़े बदलाव आ चुके हैं। सबसे पहला हिमयुग करीब दो अरब वर्ष पहले शुरू हुआ था जबकी सबसे अंतिम करीब 30 लाख साल पहले शुरु हुआ था जो अभी जारी है। आप यह जानकर हैरान हो सकते हैं कि पृथ्वी पर अब भी हिमयुग चल रहा है।
जलवायु में नाटकीय बदलाव कैसे ?
शोधकर्ताओं के मुताबिक सूर्य का चक्कर लगाने वाला धरती की कक्षा जब बिल्कुल सही होती है तब अंटार्कटिका की बर्फ की चट्टानें अपनी जगह से दक्षिणी महासागर से बहुत भारी मात्रा में साफ पानी अंटार्कटिका में मिलने लगता है परिणाम स्वरूप दक्षिणी महासागर का पानी खारा होने लगता है। वहीं उत्तरी अंटार्कटिका से साफ पानी मिलने लगता है। इससे महासागरीय धाराओं के प्रवाह में बड़े पैमाने पर बदलाव आने लगता है और महासागर बड़ी मात्रा में वायुमंडल से कार्बन डाई ऑक्साइड खींचने लगता है।
बदल सकती है हिमयुग चक्र की लय
बीते 30 लाख वर्षों में पृथ्वी नियमित रूप से हिमयुग के हालातों में जाती रही है। फिलहाल हम इंटरग्लेशियल काल में रह रहे हैं, जहां तापमान तुलनात्मक रूप से गर्म है, लेकिन शोधकर्ताओं का मानना है कि वैशिवक तापमान के बढ़ने के हिमयुग चक्र की लय बिगड़ सकती है। दूसरा कारण यह है कि दक्षिणी महासागर अंटार्कटिका की बर्फ की चट्टानों के लिए बहुत गर्म हो जाएगा जिससे महासागरों की धाराओं के प्रवाह में बदलाव शुरु हो जायेगा जो हिमयुग की शुरुआत कर देगा।