A New Theory Of Consciousness Can Generate Awareness In Robots
लंदन (23अक्टूबर).. आर्टिफिशियल इन्टेलीजेंस से विश्व में कई ऐसे रोबोट बन चुके हैं, जो इंसानों की तरह काम कर सकते हैं। कई ऐसे सेंसर भी बन चुके हैं, जो आदमी की तरह महसूस कर सकते हैं। वहीं दिमाग के विचारों को पढ़ने पर भी काम चल रहा है।
रोबोट भी इंसान की तरह सोचने लगेंगे
वैज्ञानिक दिमाग के उन हिस्सों की खोज में लगे हैं, जो खास तरह के भावों या कार्यों से संबंधित होते हैं। वैज्ञानिक इस प्रयास में जुटे हैं कि किसी तरह दिमाग को नियंत्रित किया जा सके। अब एक वैज्ञानिक ने एक ऐसा सिद्धांत विकसित किया है, जो हमारी चेतना को अलग तरह से परिभाषित करता है। इससे मशीनों में जागरूक कृत्रिम बौद्धिकता विकसित की जा सकेगी।
चेतना दिमाग का ऊर्जा क्षेत्र
न्यूरो साइंस ऑफ कॉन्शियसनेस जर्नल में प्रकाशित शोध में चेतना संबंधी इस नए सिद्धांत को सरे विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जानजो मैक्फैडन ने विकसित किया है। इस सिद्धांत के अनुसार चेतना दिमाग का ऊर्जा क्षेत्र है। दिमाग को इलेक्ट्रो मैग्नेटिक ऊर्जा दिमाग को पदार्थ को चेतना बनाने और हमें जागरूक रहने के साथ ही सोचने में सक्षम बनाता है।
प्रोफेसर मैक्फैडन का मानना है कि इस सिद्धांत की मदद से चैतन्य आर्टिफिशियल इन्टेलीजेंस का विकास किया जा सकता है। इससे कल्पना साकार हो जाएगी कि रोबोट भी इंसान की तरह सोचने लगेंगे। अभी तक यह धारणा विज्ञान की काल्पनिक कहानियों और फिल्मों में ही देखी जाती है।