मांझी ने अपने पुराने जख्म याद करते हुए कहा कि निर्माण के नाम पर करोड़ों का वारा-न्यारा हो रहा था। इसे रोकने की कोशिश की तो मुझे मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटा दिया गया। नीतीश कुमार के करीबी एक नेता 50-50 लाख रुपये लेकर डीएम व एसपी का ट्रांसफर करते हैं। ‘हम’ के बैनर तले 16 मार्च से बिहार का दौरा शुरू करेंगे, जिसकी शुरुआत मुजफ्फरपुर व खगडि़या से होगी।
मांझी ने कहा, अलग पार्टी बनाने में अभी कुछ तकनीकी अड़चनें हैं। उन्होंने अपने समर्थकों से विधायकों के साथ गांधीगिरी करने की नसीहत दी। कहा, उनसे सवाल किया जाए कि मांझी ने क्या गड़बड़ी की जो उसे समर्थन नहीं दिया गया। विधायकों ने डर के मारे मुझे समर्थन नहीं दिया, आप लोग उन्हें अगले चुनाव में पूरी तरह डरा दें। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्माण के क्षेत्र में हजारों करोड़ का घोटाला हो रहा था। इसे रोकने के लिए एक सचिव को बदला तो उसके मंत्री ने जाकर आका मियां (नीतीश कुमार) से शिकायत की।
विधानसभा अध्यक्ष ने तो ऐसा काम किया, जिसके लिए कोर्ट ने भी उन्हें लताड़ा। सम्मेलन में वृशिण पटेल एवं नरेंद्र सिंह सहित वह तमाम आठ मंत्री मौजूद थे, जो मांझी कैबिनेट में रह गए थे।
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