Aayushi Murder Case: The murdered father performed the last rites of his daughter…#agranews
आगरालीक्स…जिस पिता ने गोली मारी, उसी ने किया अंतिम संस्कार. फूट—फूट कर रोया हत्यारा पिता, बोला—जिसे लाड़ प्यार से पाला था, वो हर बात का करने लगी थी विरोध
आयुषी यादव की हत्या के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया है. अंतिम संस्कार उसी के पिता नितेश यादव ने किया जिन्होंने ही उसकी गोली मारकर हत्या की थी और उसके शव को मथुरा में यमुना एक्सप्रेस वे के पास सर्विस रेाड पर ट्रॉली बैग में पैक करके फेंक दिया था. इस हत्याकांड के खुलासे के बाद से लगातार आयुषी के माता पिता से पूछताछ की ज रही है. अब पिता नितेश यादव को बड़ा पछतावा है. शव का अंतिम संस्कार यमुना पार लक्ष्मीनगर पर किया गया. मुखाग्नि देते हुए पिता की आंखों से आंसुओं का सैलालब दिख रहा था और मुंह से सिर्फ यह शब्द निकल रहे थे कि जिस बेटी को इतनी नाजों से पाला, उसकी हत्या करना मुझे बहुत परेशान कर रहा है. काश बेटी फिर से उठ जाए और मुझे फिर से कहे पापा.
आयुषी हत्याकांड में शामिल पिता नितेश यादव का कहना है कि उन्होंने गुस्से में बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिस बेटी को बड़े लाड़ से प्यारा, उसने बिना बताए किसी लड़के से चुपचाप शादी कर ली. चुपचाप उससे मिलने के लिए चली जाती. हमने बहुत उसे समझाने की कोशिश की लेकिन उसने हमारी कोई बात नहीं मानी. वो हमारी हर बात का विरोध करने लगी थी. पिता ने बताया कि एक वर्ष तक बेटी को समझाया कि हमारी इज्जत समाज में मत उछालो लेकिन बेटी जिद पर अड़ी रही. पलटकर जवाब देती थी कि अब मैं बालिग हो गई हूं, खुद फैसला ले सकती हूं.
पिता ने बताया कि 17 नवंबर को आयुषी का अपनी मां से विवाद हुआ था, जब मैं वहां पहुंचा तो मैंने भी उसे काफी समझाने की कोशिश की लेकिन वो नहीं मानी. गुस्से में लाइसेंसी रिवाल्वर से दो गोलियां मारकर उसकी हत्या कर दी. शव को कमरे में रखकर वो पूरा समय रोते रहे. फिर किसी तरह शव को ट्रॉली बैग में पैक करके अपनी ही कार से उसे कहीं फेंकने के लिए निकले. देर रात 3 बजे आगरा—दिल्ली हाइवे से वृंदावन होते हुए यमुना एक्सप्रेस वे पर पहुंचे और यहां कृषि अनुसंधान केंद्र के पास झाड़ियों में सुबह करीब पौने सात बजे ट्रॉली बैग को फेंक दिया और फिर एक्सप्रेस वे से होकर वापस लौट गए.
पिता को अब पछतावा भी हो रहा है. वो बार बात ये कह रहा था कि उसने अपना आपा क्यों खोया. जिन हाथों से उसके हाथ पीले करने थे उन्हीं हाथों से उसकी जान ले ली. काश बैटी फिर से जिंदा होकर उसे पापा पापा बोले.