आगरालीक्स …आगरा में नए उद्योग स्थापित करने पर लगे प्रतिबंध पर राहत मिल सकती है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने यह आश्वासन दिया है। आगरा के कारोबारी मंगलवार को सांसद डॉ राम शंकर कठेरिया के साथ केंद्रीय पर्यावरण राज्यमंत्री अनिल माधव दवे एवं पर्यावरण सचिव अजय नारायन झा से मिले, उनके साथ बैठक के बाद उन्होंने आश्वासन दिया है कि व्हाइट कैटेगिरी में टीटीजेड को रखे जाने पर नए उद्योग स्थापित करने पर लगी रोक को समाप्त किया जाएगा।
बैठक में डाॅ रामशंकर कठेरिया ने कहा कि औरेंज व ग्रीन वर्ग की सभी औद्योगिक इकाईयाॅं वायु प्रदूषणकारी इकाईयाॅं नहीं है, अतः जो इकाईयाँ ‘‘वायु प्रदूषणकारी इकाईयाॅं’’ नहीं हैं, उनकी स्थापना या विस्तार पर रोक नहीं लगनी चाहिए, उक्त निर्णय की पूर्व स्थिति को ही पुनः लागू किया जाना चाहिए एवं समस्त संबंधित एजेंसियों (केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं टीटीजेड अथाॅरिटी आदि) को वायु प्रदूषण नियंत्रण हेतु एक्शन प्लान अविलम्ब रूप से बनाना चाहिए। पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए नये होटल, कोल्ड स्टोरेज एवं जूता उद्योग की स्थापना हो सके व पुरानों का विस्तार हो सके, आलू उत्पादक कृषकों के लिए नये कोल्ड स्टोरेजों का निर्माण हो भण्डारण क्षमता में वृद्धि हो सके एवं आगरा के प्रमुख जूता उद्योग की नई इकाईयाॅं लग सकें। यदि उद्योगों के ऊपर अस्थाई रोक लगी रहेगी तो टीटीजेड क्षेत्र के युवा वर्ग, पिछड़े वर्गो एवं उद्यमियों के बीच में व्यापक असंतोष व्याप्त होगा एवं रोजगार अवसर भी वृहत स्तर पर विपरीत रूप से प्रभावित होंगे।
रोक गलत लगाई गई है, नहीं होता है वायु प्रदूषण
आगरा डवलपमेन्ट फाउण्डेशन के सचिव केसी जैन ने प्रस्तुतिकरण देते हुए यह बात रखी कि औरेंज व ग्रीन वर्ग की सभी औद्योगिक इकाईयाॅं धूल के बारीक कणों से वायुमण्डल को प्रदूषित नहीं कर रही हैं और आगरा में धूल के बारीक कणों से (पीएम-10) की स्थिति इतनी क्रिटीकल नहीं थी कि इस प्रकार का कदम उठाना पड़े। बैठक में इंजीनियर उमेश चन्द्र शर्मा ने यह बात भी रखी कि संवेदनशील क्षेत्र में लाल श्रेणी के उद्योगों पर ही रोक है जैसा कि फरवरी 2016 के आदेश से स्पष्ट है अतः औरेंज व ग्रीन वर्ग के उद्योगों पर रोक नहीं लगनी चाहिए। शर्मा द्वारा यह भी कहा गया कि होटलों का वर्गीकरण गलत किया गया है। लघु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष श्री राकेश गर्ग द्वारा इस रोक के कारण उद्योगों के हो रहे नुकसान की बात रखी गयी और कहा गया कि वर्ष 1996 से कोई प्रदूषणकारी उद्योग आगरा में नही लग रहा है तो ऐसी स्थिति में अप्रदूषणकारी उद्योगों रोक लगाने का कोई औचित्य नहीं है। नेशनल चैम्बर आॅफ काॅमर्स के अशोक गोयल एवं मथुरा के प्रमुख उद्यमी कृष्ण अग्रवाल द्वारा भी कहा गया कि ऐसे आदेश का उद्योगों पर दुष्प्रभाव पड़ेगा।
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