
आगरा की मेयर रही अंजुला माहौर का भाजपा में आना घर वापसी माना जा रहा है लेकिन संगठन में एक बड़ा खेमा संतुष्ट नहीं है। केंद्रीय राज्यमंत्री रामशंकर कठेरिया का अंजुला माहौर से छत्तीस का आंकड़ा किसी से छिपा नहीं। भाजपा छोडऩे के बाद सपा में अंजुला को बाल श्रम उन्मूलन और पुनर्वास बोर्ड का अध्यक्ष बना राज्य मंत्री दर्जा भी प्रदान किया गया था। लोकसभा चुनाव के बाद राज्य मंत्री दर्जा हटाए जाने से सपा में असंतुष्ट चल रही अंजुला भाजपा में घर वापसी की कोशिश में जुटी थी। काशीपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ महिला विंग के ओटीसी शिविर में शामिल होने के बाद अंजुला का भाजपा में आना तय माना जा रहा था। सोमवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर अंजुला माहौर ने सपा सरकार को जमकर कोसा और संगठन में कोई मतभेद होने से इनकार किया।
गत विधानसभा चुनाव में मथुरा की छाता विधानसभा सीट पर रालोद के तेजपाल सिंह से मात खाए पूर्व कृषि मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण सिंह कोसी कलां दंगा में विवादित हुए थे। बसपा में हाशिए पर आए लक्ष्मीनारायण सिंह लम्बे से भाजपा में आने की जुगत में थे लेकिन स्थानीय नेताओं का विरोध राह में रोड़ा बना था। लक्ष्मीनारायण ने सोमवार को भाजपा में शामिल होने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों को सराहते हुए वर्ष 2017 में उप्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनने का दावा भी किया।
झांसी की बबीना विधानसभा सीट से विधायक रहे रतनलाल अहिरवार बसपा सरकार में ग्राम विकास विभाग में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे। लोकायुक्त की जांच व अन्य विवादों में फंसकर चर्चा में घिरे रहे अहिरवार भी सोमवार को भाजपा में शामिल हुए। अहिरवार को सदस्यता ग्रहण कराते हुए प्रदेशाध्यक्ष लक्ष्मीकांत ने बुंदेलखंड के संगठन में मजबूती आने का दावा किया। मिशन 2017 को कामयाब करने का संकल्प अहिरवार ने भी लिया।
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